महाकुंभ में अब तक 54.31 करोड़ लोग कर चुके स्नान, भीड़ से स्थानीय लोग प्रशासन; उत्तर प्रदेश में श्रद्धालुओं का ओवरलोड

प्रयागराज। महाकुंभ में अब तक 54.31 करोड़ लोग स्नान कर चुके हैं, और समापन में 9 दिन बाकी हैं, लेकिन भीड़ का दबाव थम नहीं रहा। प्रयागराज के स्थानीय लोग पहली बार इतनी बड़ी भीड़ से जूझ रहे हैं।

एयरपोर्ट और रेलवे स्टेशन पर भीड़ का आलम कुछ ऐसा है जैसे कोई मेला हो। रविवार को 60 उड़ानों से 20 हजार से ज्यादा श्रद्धालु पहुंचे, जबकि ट्रेनों में भी भीड़ थी। मेला क्षेत्र के पास एक लाख लोगों के लिए होल्डिंग एरिया तैयार किया गया है। प्रयागराज के प्रमुख रास्तों पर 10-12 किमी लंबा जाम लग गया है। प्रयाग में वीआईपी वाहनों के बावजूद आम श्रद्धालु कम से कम 10 किमी पैदल चलकर मेला स्थल पहुंच रहे हैं। इसके कारण शहर में स्कूल 20 फरवरी तक बंद कर दिए गए हैं।

अयोध्या में भीड़ का दबाव 

महाकुंभ के बाद अयोध्या में 5-7 लाख श्रद्धालु पहुंच रहे हैं, जो पहले कभी नहीं देखा गया। मंदिर तक पहुंचने वाले सभी पांच रास्ते पूरी तरह से पैक हैं। स्थानीय लोग घरों में ही बंद रहने को मजबूर हैं, क्योंकि बाहर निकलते ही भीड़ का सामना करना पड़ता है। यहां तक कि सब्जी और राशन की गाड़ियां भी नहीं पहुंच पा रही हैं।

काशी में भी श्रद्धालुओं का दबाव 

काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के बनने के बाद काशी में भी हर दिन 8 से 10 लाख श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। शहर में यातायात रोकने के कारण स्थानीय लोग घर से बाहर नहीं निकल पा रहे। इमरजेंसी में अस्पताल पहुंचना भी कठिन हो गया है। मंदिर के 5 किमी दायरे में शहर पूरी तरह से पैक है।

नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर सुरक्षा इंतजाम 

महाकुंभ के कारण बढ़ती भीड़ को नियंत्रित करने के लिए नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर CRPF और दिल्ली पुलिस की तैनाती की गई है। रेलवे ने 26 फरवरी तक प्लेटफॉर्म टिकट की बिक्री भी बंद कर दी है। भविष्य में भीड़ नियंत्रण के लिए रेलवे बड़े स्टेशनों पर होल्डिंग एरिया बनाने की योजना बना रहा है। महाकुंभ के बाद, 2027 में नासिक और हरिद्वार में अर्धकुंभ और 2028 में उज्जैन में सिंहस्थ मेला होगा।

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