बिलासपुर: आदिवासी जमीन कांड में नया मोड़, उप पंजीयक हुए बहाल!
बिलासपुर। आदिवासी की जमीन को गैर आदिवासी को बेचने के आरोप पर निलंबित सक्ती के उप पंजीयक प्रतीक खेमुका को बिलासपुर संभागायुक्त महादेव कावरे ने तीन दिन बाद बहाल कर दिया है। उप पंजीयक के निलंबन पर पंजीयन और मुद्रांक संघ ने आंदोलन की चेतावनी दी थी, जिसके बाद संभागायुक्त का फैसला आया है। बिलासपुर संभाग आयुक्त महादेव कावरे ने उप पंजीयक खेमुका का निलंबन तत्काल प्रभाव से खत्म कर दिया है।
बता दें कि मामला कंचनपुर तहसील सक्ती में आदिवासी जानकी बाई की जमीन गैर आदिवासी मुस्कान बंसल के नाम रजिस्ट्री कर दी गई थी। इस मामले में उप पंजीयक को जिम्मेदार मानते हुए उन्हें 13 दिसंबर को निलंबत कर दिया गया था। प्रशासन की इस कार्रवाई का पंजीयक और मुद्रांक संघ ने विरोध किया। पड़ताल में खुलासा हुआ कि इस मामले में जमीन गैर आदिवासी को बेचने के लिए कलेक्टर से अनुमति के लिए विधिवत आवेदन किया गया था। कलेक्टर ने जमीन का रकबा कम होने सहित अन्य कारणों का हवाला देते हुए अपने आदेश में लिखा कि इसके लिए अनुमति की आवश्यकता नहीं है।
कलेक्टर के इस आदेश के आधार पर जमीन की रजिस्ट्री कर दी गई, लेकिन आदिवासी की जमीन गैर आदिवासी को बेचे जाने को लेकर हंगामा खड़ा हो गया। इसके बाद आनन- फानन में उप पंजीयक को निलंबित कर दिया गया था।