दिल्ली। केंद्र सरकार संसद के शीतकालीन सत्र या बजट सत्र के दौरान ‘एक देश, एक चुनाव’ विधेयक पेश कर सकती है। इस बिल को संयुक्त संसदीय समिति के पास भेजा जा सकता है। एक देश, एक चुनाव पर कोविंद समिति की रिपोर्ट पर मोदी कैबिनेट मंजूरी दे चुकी है। सरकार चाहती है कि इस बिल पर आम सहमति बने। सरकार इस बिल पर सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों से चर्चा करेगी
वन नेशन वन इलेक्शन को लेकर सरकार और विपक्ष के क्या हैं तर्क?
सरकार पिछले कुछ समय से एक साथ चुनाव कराने पर जोर दे रही है. सरकार का तर्क है कि मौजूदा इलेक्शन सिस्टम समय, पैसे और वर्कफोर्स को बर्बाद कर रही है। चुनाव से पहले घोषित आदर्श आचार संहिता से विकास के कामों में ब्रेक लग जाता है। एक साथ चुनाव कराने से समय पैसे और वर्कफोर्स की बचत होगी। सरकार के तर्को को विपक्ष ने अव्यावहारिक बताया है। विपक्षी दलों ने राज्य में चुनाव कराने में चुनाव आयोग के सामने आने वाली तार्किक चुनौतियों की ओर इशारा किया है।
2023 को हुआ था कोविंद कमिटी का गठन
वन नेशन वन इलेक्शन का प्रोसेस तय करने के लिए पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई गई थी, इसमें 8 सदस्य थे। कोविंद कमिटी का गठन 2 सितंबर 2023 को किया गया था। कमिटी ने 14 मार्च को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को अपनी रिपोर्ट सौंप दी थी।
कोविंद कमिटी ने क्या दिए सुझाव?
- कोविंद कमिटी ने सुझाव दिया कि सभी राज्य विधानसभाओं का कार्यकाल अगले लोकसभा चुनाव यानी 2029 तक बढ़ाया जाए।
- पहले फेज में लोकसभा-विधानसभा चुनाव एक साथ कराए जा सकते हैं। दूसरे फेज में 100 दिनों के अंदर निकाय चुनाव कराए जा सकते हैं।
- हंग असेंबली, नो कॉन्फिडेंस मोशन होने पर बाकी 5 साल के कार्यकाल के लिए नए सिरे से चुनाव कराए जा सकते हैं।
- -इलेक्शन कमीशन लोकसभा, विधानसभा, स्थानीय निकाय चुनावों के लिए राज्य चुनाव अधिकारियों की सलाह से सिंगल वोटर लिस्ट और वोटर आई कार्ड तैयार कर सकता है।
- -कोविंद पैनल ने एकसाथ चुनाव कराने के लिए डिवाइसों, मैन पावर और सिक्योरिटी फोर्स की एडवांस प्लानिंग की सिफारिश भी की है।
कोविंद कमिटी में ये सदस्य थे शामिल
- गृह मंत्री अमित शाह
- पूर्व सांसद गुलाम नबी आजाद
- अधविक्ता हरीश साल्वे
- कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी
- 15वें वित्त आयोग के पूर्व अध्यक्ष एनके सिंह
- पॉलिटिकल साइंटिस्ट सुभाष कश्यप
- पूर्व केंद्रीय सतर्कता आयुक्त संजय कोठारी
- केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल कमिटी के स्पेशल मेंबर
इन देशों के इलेक्शन प्रोसेसे का कमेटी ने लिया रिफरेंश
- स्वीडन
- जापान
- जर्मनी
- दक्षिण अफ्रीका
- बेल्जियम
- फिलीपिंस
- इंडोनेशिया
वन नेशन वन इलेक्शन को इन पार्टियों ने दिया समर्थन
- बीजेपी
- जेडीयू
- टीडीपी
- एलजेपी
- बसपा
- शिवसेना (शिंदे) गुट
वन नेशन वन इलेक्शन का ये पार्टी कर रही विरोध
- कांग्रेस
- समाजवादी पार्टी
- आम आदमी पार्टी
- सीपीएम (CPM) समेत 15 दल