मुख्य स्टेशन प्रबंधक के सिर पर मारी लाठी, महिला आरक्षक को दौड़ाया..
बिलासपुर। जोनल स्टेशन में गुरुवार को एक मानसिक रोगी की हरकत से दहशत फैल गया। उसने मुख्य स्टेशन प्रबंधक के सिर पर दो बार लाठी से वार किया। तीसरी बार भी प्रयास किया लेकिन, इस बार स्टेशन प्रबंधक ने लाठी पकड़ ली। इस पर वह आक्रोशित होकर जोर- जोर से चिल्लाने लगा।
इतने में स्टेशन में काम कर रहे ट्रैकमैन व अन्य रेलकर्मी ने मानसिक रोगी को पकड़ा। इसके बाद उसे आरपीएफ के हवाले कर दिया गया। इस घटना से पहले उसने आरपीएफ की एक महिला आरक्षक काे दौड़ाया, जिस पर भागकर बची।
इस तरह के लोग अक्सर आते हैं नजर
जोनल स्टेशन में इस तरह के लोग अक्सर नजर आते हैं। कभी प्लेटफार्म पर तो कई बार स्टेशन के बाहर घूमते नजर आते हैं। पहली बार ऐसा हुआ है, जब किसी ने रेलकर्मी पर हमला किया है।
मामला सुबह 11:30 बजे के करीब का है। मुख्य स्टेशन प्रबंधक एस ओझा स्टेशन की नियमित जांच पर निकले थे। वह प्लेटफार्म की सफाई, नलों की टोटियों की स्थिति परख रहे थे।
मुख्य स्टेशन प्रबंधक ने हाथ से रोककर लाठी छीनी
प्लेटफार्म छह पर वह निरीक्षण कर रहे थे, तभी उनके मोबाइल पर काल आया और वह बात करने लगे। बात करते- करते आगे बढ़ रहे थे, तभी पीछे से युवक आया और सिर पर लाठी से वार कर दिया।इससे पहले कि वह कुछ समझ पाते कुछ- कुछ कहते दोबार लाठी से सिर पर मारा। दो बार लाठी के वार से मुख्य स्टेशन प्रबंधक घबरा गए। सिर में चोट के बावजूद उन्होंने किसी तरह तीसरी वार को हाथ से रोककर लाठी छीनी।
इतने में ट्रैकमैन व अन्य कर्मचारी पहुंच गए। उन्होंने मानसिक रोगी को पकड़ा। इसके बाद भी खुद को उनके चंगुल से छुटाने के लिए ताकत लगाने लगा। किसी तरह उसे पकड़ा गया और सीधे उसे लेकर आरपीएफ पोस्ट पहुंचे।
अजीबो- गरीबो हरकत व बातें करने लगा
आरपीएफ पोस्ट पहुंचने के बाद वह अजीबो- गरीबो हरकत व बातें करने लगा, जिसे देखकर माना गया कि उसकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं है। इसी वजह से यह भी स्पष्ट नहीं हुआा कि वह कहां से आया है या उसका नाम क्या है।
स्वजन की जानकारी भी मिलनी मुश्किल है। उसके पकड़े जाने की सूचना के बाद आरपीएफ की महिला आरक्षक व एक महिला सफाईकर्मी पहुंचीं। महिला आरक्षक ने बताया कि मानसिक रोगी लाठी लेकर उसे भी मारने के लिए दौड़ाया। किसी तरह जान बचाकर वहां से भागी। महिला सफाईकर्मी ने उसकी हरकतों के बारे में जानकारी दी।
आरपीएफ की परेशानी
इस घटना के बाद आरपीएफ की परेशानी बढ़ गई है। उसकी जिस तरह की हालत है, कार्रवाई भी नहीं की जा सकती। हालांकि उसे आरपीएफ पोस्ट में रखा गया है। संभवत उसे किसी संस्था के माध्यम से उस केंद्र में भेजने का प्रयास करेंगे, जहां इस तरह के रोगियों को रखा जाता है।