स्टील कंपनी के VC को 5 दिन तक डिजिटल अरेस्ट रखा, ट्रेन में सफर करवाया, फिर 49 लाख ठग लिए..
भिलाई। पश्चिम बंगाल के खड़गपुर स्थित रश्मि ग्रुप ऑफ कंपनी के वाइस प्रेसिडेंट इंद्रप्रकाश कश्यप को साइबर ठगों ने डिजिटल अरेस्ट कर 49 लाख 1 हजार 196 रुपये की ठगी की है। पीड़ित रूआबांधा सेक्टर भिलाई के रहने वाले हैं।
मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में गिरफ्तार जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल से पीड़ित के तार जोड़कर आरोपियों ने उन्हें अपना शिकार बनाया। पांच दिन तक डिजिटल अरेस्ट रखकर आरोपियों ने इस घटना को अंजाम दिया।
आरोपियों ने उठाया डर का फायदा
- भिलाई नगर थाना प्रभारी प्रशांत मिश्रा ने बताया कि पीड़ित इंद्रप्रकाश कश्यप (51) 7 नवंबर को खड़गपुर पश्चिम बंगाल में थे। तभी उनके पास एक फोन आया। फोन पर बात करने वाले ने खुद को ट्राई का अधिकारी बताया।
- उसने पीड़ित को बताया कि आपके आधार कार्ड से एक सिम जारी करवाकर 29 लोगों को आपत्तिजनक मैसेज भेजे गए हैं। इसके बाद आरोपी ने मुंबई के कथित साइबर ब्रांच के अधिकारी को फोन ट्रांसफर किया।
- उसने पीड़ित को बताया कि उनके आधार कार्ड से मलाड मुंबई के केनरा बैंक में एक खाता खोला गया है और उस खाते से करोड़ों रुपये का संदिग्ध लेनदेन किया गया है। इस दौरान आरोपी ने नरेश गोयल का नाम भी लिया
- आरोपी ने कहा कि उक्त खाते में जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल के खाते से भी रुपयों का लेनदेन मिला है। इसके आधार पर सीबीआई कोलाबा ने एफआईआर की है और सुप्रीम कोर्ट ने उस मामले में गिरफ्तारी वारंट जारी किया है।
- ये बातें सुनकर इंद्रप्रकाश भयभीत हो गए। फायदा उठाकर आरोपियों ने कहा कि जांच होने तक वे उन्हें डिजिटल अरेस्ट कर रहे हैं। इसके बाद आरोपी समय-समय पर वीडियो कॉल कर उनकी गतिविधि पर नजर रखने लगे।
सीक्रेट सुपरविजन अकाउंट में जमा कराए रुपए
इसके बाद आरोपियों ने बोला कि वे एक एसएसए (सीक्रेट सुपरविजन अकाउंट) खोल रहे हैं। इसमें उन्हें अपने सभी खातों में जमा रुपयों को ट्रांसफर करना होगा, जिसे दो दिन बाद उन्हें वापस कर दिया जाएगा।
पीड़ित के खातों से संबंधित दस्तावेज भिलाई में थे, तो आरोपियों ने उन्हें भिलाई जाने के लिए कहा। ट्रेन में भी आरोप उन पर नजर रखे रहे। इसके बाद पीड़ित 11 नवंबर को भिलाई आए और उनके बताए हुए खाते पर 49 लाख एक हजार 190 रुपये ट्रांसफर कर दिया।
रुपये भेजने दो दिन बाद जब उन्होंने अपने मोबाइल पर डिजिटल अरेस्ट के बारे में जानकारी सर्च की तो उन्हें डिजिटल अरेस्ट के नाम पर ठगी की जानकारी मिली। इसके बाद उन्होंने भिलाई नगर थाना में प्राथमिकी कराई।
आरोपियों ने वीडियो कॉल पर दिखाया नकली कोर्ट
पीड़ित को पूरी तरह से अपने जाल में फंसाने के लिए आरोपियों ने उन्हें वीडियो कॉल पर एक फर्जी कोर्ट रूम भी दिखाया। जहां पर जज बनकर बैठे व्यक्ति के सामने उनकी पेशी कराई गई। उस व्यक्ति ने पीड़ित को डिजिटल अरेस्ट करने का आदेश दिया। जिसके बाद पीड़ित इंद्रप्रकाश कश्यप पूरी तरह से आरोपियों के चुंगल में फंस गए थे।