जगदलपुर | जगदलपुर में दक्षिण भारत मेंडिकोलीगल एसोशिएशन द्वारा आन्प्रदेश राज्य के मेडिकल काउंलिंग के सौजन्य से काकिनाड़ा के रंगराय मेडिकल कॉलेज में मेडिकोलीगल की 20 वीं वार्षिक संगोषी का आयोजन 26 से 29 सितम्बर 2024 तक आयोजित किया गया, जिसें डॉ बी सूरीबाबू फोरेसिंक विशेषज्ञ, संयुक्त संचालक(सेवानिवृत्त) क्षेत्रीय फॉरेसिंक प्रयोगशाला, जगदलपुर द्वारा अपराध अनुसंधान में फोरेसिंक साक्ष्य तकनिकी एवं फोरेसिंक कीट संज्ञान से संधित साक्षो के उपयोगिता के विषय पर विशेष अथिति व्याख्यान दिया गया।
कार्यक्रम को आन्ध्रप्रदेश मेडिकल काउंसिल का रजिस्टार डॉ, रमेश मुख्य अथिति के में उपस्थित होकर उद्घाटन करते हुए कहा कि आजकल लड़कियों फोरेसिंक मेडिसिन पीजी कोर्स ‘करने के लिए उत्साह दिखा रहा है, यह एक हर्ष ‘की बात हैं, इस कार्यक्रम का समापन 29 सितम्बर को आधप्रदेश ऐलुरू रेंज का पुलिस महानिरीक्षक अशोक कुमार, भा.पु.से द्दारा मुख्य अतिथि के रूप में उपरिथित होकर आन्ध्रप्रदेश के साथ कुछ अन्य राज्यों में सामुदायिक एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों से चिकित्सकों के पदस्थ पर प्रशिक्षण नहीं होने की वजह से वह चिकित्सा कार्यों में व्यस्त होने से उनको समय-समय स्वास्थ्य कर्मचारी मद हेतु उपलब्ध नहीं होने से शव परीक्षण में बहुत विलम्ब होता है।
मंगलुर मेडिकल कॉलेज का प्रोफेसर डॉ ब्रिदा भट ने बताया कि ‘दक्षिण भारत में फोरेसिंक दांत विशेषज्ञ (ओडोन्टोलॉजी) का सेवाएं विकसित हो रही है, जिससे महिलाओं के साथ अत्याचार प्रकरणों के पीड़िता ‘के शरीर पाये जाने वाला दांतो का चिन्हों ‘को जिसे “दांतों का अंगुली चिन्ह” कहते है। जिससे आरोपी का सही पहचान किया जा सकता है, इस संगोष्ठी में दक्षिण भारत का पांच राज्यों के साथ-साथ पांडीचेरी, गोवा, अंडमान निकोवार कुल 300 डेलिगेट्स उपस्थित रहे।