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बॉम्बे हाईकोर्ट का आदेश, सेंसर बोर्ड ना दें ‘इमरजेंसी’ को सर्टिफिकेट, कंगना रनौत बोलीं- सब मुझे टारगेट

हैदराबाद : कंगना रनौत की फिल्म ‘इमरजेंसी’ पर मंडरा रहे संकट के बादल कम होने का नाम नहीं ले रहे हैं. फिल्म ‘इमरजेंसी’ की रिलीज डेट 6 सितंबर है, लेकिन फिल्म अपनी तय रिलीज डेट पर रिलीज नहीं होने जा रही है. अब ‘इमरजेंसी’ के लिए बड़ी मुसीबत खड़ी हो गई है. फिल्म हाई कोर्ट का फैसला आया है और फिल्म की रिलीज को दो हफ्तों के लिए आगे बढ़ा दिया है. कंगना रनौत की फिल्म ‘इमरजेंसी’ पर सिख कम्यूनिटी की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप है.

अब कब हटेगा ‘इमरजेंसी’ से ‘आपातकाल’?

इमरजेंसी से आपातकाल हटवाने के लिए मेकर्स (मणिकर्णिका और जी एंटरटेनमेंट इंटरप्राइडज) ने बॉम्बे हाईकोर्ट का रुख किया था. बीती 3 सितंबर को इमरजेंसी के मेकर्स ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. इमरजेंसी के मेकर्स ने कोर्ट से गुहार लगाई कि सेंसर बोर्ड को आदेश दे कि फिल्म का सर्टिफिकेट जल्द से जल्द जारी करे. बता दें, फिल्म 6 सितंबर की रिलीज के लिए शेड्यूल है, लेकिन कोर्ट ने सेंसर बोर्ड को फिल्म को सर्टिफिकेट ना देने का आदेश दिया है.

इमरजेंसी के मेकर्स ने अपनी याचिका में कोर्ट में दावा किया है कि सेंसर बोर्ड ने ‘गैरकानूनी’ और ‘जानबूझकर’ फिल्म सर्टिफिकेट को लटका रखा है. इमरजेंसी के लिए वकालत करे वकील ने दावा किया है कि सेंसर बोर्ड फिल्म सर्टिफिकेट देने को तैयार है, लेकिन जारी नहीं कर रहा है. जस्टिस बीसी कोलाबवाला और फिरदौस पूनीवाला की बेंच में याचिका पर तत्काल सुनवाई की थी.

बता दें, कंगना रनौत ने फिल्म इमरजेंसी को डायरेक्ट किया है और साथ ही वह फिल्म की सह-निर्माता भी हैं. इस फिल्म में कंगना रनौत देश की पहली और एकमात्र महिला प्रधानमंत्री श्रीमति इंदिरा गांधी का रोल करने जा रही हैं. जब से फिल्म का ट्रेलर रिलीज हुआ है, तब सिख कम्यूनिटी का पारा हाई है. सिख कम्यूनिटी का आरोप है कि ट्रेलर से पता चल रहा है कि उनके समुदाय को एक हत्यारे के रूप में शो किया जा रहा है.

कंगना का रिेएक्शन

कंगना ने अपन एक एक्स पोस्ट में लिखा है, आज मैं हर किसी की फेवरेट टारगेट बन गई हूं, देश को जगाने के लिए मुझे यह सिला मिला है, वो नहीं जानते हैं कि मैं किस बारे में बात कर रही हूं, वो नहीं जानते कि मैं किस बारे में चिंतित हूं, क्योंकि वह शांति चाहते हैं, वह मेरी साइड नहीं लेना चाहते हैं, वह कूल है, चिल्ड हैं, हा हा, बॉर्डर पर पूअर सोल्जर भी ऐसे हों, पाक और चीन दुश्मन हैं, वह प्रोटेक्ट कर रहा है जबकि आप आंतकवादी और एंटी नेशनल पर मजा ले रहे हैं, काश उस युवती का अपराध सिर्फ इतना था कि वह सड़क पर अकेली थी और उसके साथ बलात्कार कर टुकड़े-टुकड़े कर दिया गया, वह शायद एक सज्जन और दयालु इंसान थी जो मानवता से प्यार करती थी लेकिन क्या उसकी मानवता का बदला लिया गया? काश सभी लुटेरों और अपराधियों में भी इस शांत और सोई हुई पीढ़ी जैसा प्यार और स्नेह होता लेकिन जीवन की सच्चाई कुछ और है, चिंता मत करो वो आपके लिए आ रहे हैं, अगर हममें से भी कुछ लोग आपकी तरह कूल बन जाएं तो वो आपको पा लेंगे और तब आपको पता चलेगा कि अनकूल लोगों की अहमियत क्या होती है .

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