छत्तीसगढ़ में पाई जाती है 36 प्रकार की भाजियां, जानिए कौन- सी है सबसे फेमस

रायपुर: आप सभी को ये तो पता होगा कि हमारे छत्तीसगढ़ को धान का कटोरा कहा जाता है.. क्योंकि यहां धान की पैदावार सबसे ज्यादा होती है.. लेकिन क्या आप जानते हैं हमारे छत्तीसगढ़ को भाजियों का गढ़ भी कहा जाता है… और यहां 36 प्रकार की भाजियां पाई जाती है..
असल में प्रदेश में तो एक समय में 80 प्रकार की भाजियां पाई जाती थीं.. जिसमें 36 प्रकार की भाजियां ऐसी हैं जिन्हें आज भी लोग चाव से खाते हैं… तो आज हम उन्हीं भाजियों की बात करेंगे….
- बोहार भाजी- बोहार भाजी, ज्यादातर लोगों की पसंदीदा भाजी होती है.. ये दानेदार और पत्तेदार दोनों होती है… और इसे खट्टे में बनाया जाता है.. जो स्वाद में बड़ा मजेदार होता है… ये भाजी गर्मीयों में मिलती है और सबसे महंगी भाजियों में गिनी जाती है… ये भाजी पाचन तंत्र को बेहतर बनाने में मदद करती है… इसके अलावा, ये कफ़, विष, और कृमि को दूर करने में भी मदद करती है…
- लाल भाजी- ये भाजी, ऐसे तो पुरे साल आती है… लेकिन ये ठंड के दिनों में विशेष रुप से मिलती है.. और जैसा इसका नाम है लाल.. इसका रंग भी है लाल… और अगर आप में खून की कमी है तो ये भाजी आपके लिए फायदेमंद है क्योंकि ये हीमोग्लोबिन बढ़ाने में मदद करता है…
- तीवरा भाजी- आप सभी ने तीवरा तो खाया होगा.. लेकिन इसके जो पत्ते, जिसे हम तीवरा या लाखड़ी भाजी बोलते है.. इसका भी स्वाद बढ़िया होता है.. और ये लोगों की पसंदीदा भाजियों में से एक है… ये भाजी भी ठंड में पाई जाती है… और ये आयरन का एक अच्छा स्रोत माना जाता है… और पाचन और आंखों के लिए फायदेमंद होता है…
- भथुआ भाजी – ये भाजी खास तौर पर डायबिटीज़ के मरीजों के लिए फ़ायदेमंद होता है…ये एंटी-डायबिटिक गुणों से भरपूर होता है… ये भाजी पेट की समस्याओं के लिए बेहद फायदेमंद है… और इसे सर्दियों में खाने की सलाह दी जाती है…
- कांदा भाजी- ये भाजी भी छत्तीसगढ़ के लोगों की पसंदीदा भाजियों में से एक है… और साल भर खाई जाती है… इसका स्वाद तो मजेदार होता ही है.. साथ ही फायदे भी अनेक हैं… इसमें रोग प्रतिरोधक क्षमता होती होती है… और ये पाचन के लिए भी फायदेमंद हैं….
- पहुना- ये भाजी प्रदेश के कुछ ही इलाकों में पाई जाती है… और जो लोग इस भाजी के बारे में जानते हैं वो इसे बड़े चांव से खाते हैं.. और ये गर्भवती महिलाओं के लिए बेहद फायदेमंद होता है…
- चनौटी भाजी – ये एक ख़ास तरह की भाजी है… जिसे चनौटी भाजी के नाम से जाना जाता है और ये बस्तर इलाके में पाया जाता है… बस्तर के लोग इसे बहुत ज़्यादा पसंद करते हैं.. ये भाजी जोड़ों के दर्द की समस्या के लिए खास तौर पर उपयोगी है…
- मूनगा भाजी– आपने तो मूनगा तो खाया ही होगा… अंग्रेजी में इसे ड्रम स्टीक कहते हैं.. लेकिन छत्तीसगढ़ में इसके पत्ते यानि कि भाजी भी बड़े चांव से खाई जाती है… इसके तो अन्य भाजियों से ज्यादा फायदे हैं… भुख की कमी दुर करना… आयरन और आंखों की रोशनी के लिए भी लाभदायक है…
- चरोटा भाजी- ये भाजी भी छत्तीसगढ़ के लोगों की पसंदीदा भाजियों में से एक है… समान्यत: ये ग्रामीण इसे पेट दर्द की समस्या में खाना पसंद करते हैं.. इसका स्वाद पनसुत्ते जैसा होता है.. लेकिन शरीर के लिए काफी फायदेमंद है… पेचिस या फिर पेट से जुड़ी समस्याओं के लिए लाभदायक होता है…
- चुनचुनिया भाजी- ये छत्तीसगढ़ के ग्रामीण इलाकों में सबसे ज्यादा खाई जाने वाली भाजियों में से एक है.. और इसे पचाऊ भाजी भी कहा जाता है क्योंकि ये पेट साफ करने में मदद करते हैं…
- पीपल भाजी- आपने आम तौर पर पीपल के पत्ते कई बार देखें होंगे और शायद रोज़ ही देखते होंगे… लेकिन छत्तीसगढ में सिर्फ एक पत्ता या पेड़ नहीं.. बल्कि खाने का पौष्टिक आहार भी है… जी हां,.. छत्तीसगढ़ में इसके जो नर्म पत्ते होते है.. उससे सब्जी बनाई जाती है… ये खाने में स्वादिष्ट होती है.. और ये त्वचा और पेट के लिए फायदेमंद है.. त्वचा को स्वस्थ और चमकदार बनाने में मदद करती है….