बिलासपुर:बैमा नागौई के ऐतिहासिक राजा तालाब के संरक्षण की मांग, ग्रामीणों ने प्रशासन से लगाई गुहार

बिलासपुर:बेलतरा क्षेत्र के ग्राम बैमा नागौई में स्थित ऐतिहासिक राजा तालाब पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुका है। यह गांव का सबसे बड़ा तालाब है, जो ग्रामीणों के लिए महत्वपूर्ण जलस्रोत है। हालांकि, इसकी दयनीय स्थिति को देखते हुए ग्रामीणों ने प्रशासन से तालाब के संरक्षण और पुनरुद्धार की मांग की है। तालाब की अनदेखी के कारण इसका जल स्तर लगातार घटता जा रहा है, जिससे आने वाले समय में जल संकट उत्पन्न होने की आशंका है।

ग्रामीणों के अनुसार, तालाब में पहले से एक बोरवेल मौजूद है, लेकिन वह प्रभावी रूप से काम नहीं कर रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि यदि प्रशासन इसमें एक और बोरवेल स्थापित करे, तो जल संरक्षण में मदद मिलेगी और तालाब का अस्तित्व बना रहेगा। इसके साथ ही, तालाब के गहरीकरण और सौंदर्यीकरण की भी मांग की गई है, ताकि यह लंबे समय तक उपयोगी बना रहे और पर्यावरण संरक्षण में भी योगदान दे सके।

गांव में कुल 17-18 तालाब मौजूद हैं, जिनमें से 3-4 तालाब पूरी तरह सूखने की कगार पर हैं। ग्रामीणों का कहना है कि अगर समय रहते इन तालाबों के संरक्षण पर ध्यान नहीं दिया गया, तो आने वाले समय में पानी की गंभीर समस्या हो सकती है। ग्राम पंचायत और स्थानीय नागरिकों ने शासन से अपील की है कि सभी तालाबों का उचित संरक्षण, गहरीकरण और सौंदर्यीकरण किया जाए, ताकि ग्रामीणों को जल संकट से बचाया जा सके। प्रशासन की ओर से इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन ग्रामीणों को उम्मीद है कि जल्द ही इस दिशा में ठोस कदम उठाए जाएंगे।

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