रायपुर-दक्षिण विधानसभा में फिर खिलेगा ‘कमल’ या खत्म होगा कांग्रेस का सूखा, जानें कैसा है इस सीट का गणित…
रायपुर। आखिरकार रायपुर-दक्षिण विधानसभा उपचुनाव के लिए चुनावी बिगुल बज गया। इसी के साथ-साथ भाजपा-कांग्रेस सहित अन्य तमाम दलों की दावेदारी भी तेज हो गई है। रायपुर-टाउन के नाम से जानी जाने वाली रायपुर-दक्षिण विधानसभा सीट वर्षों से भाजपा यानी कमल निशान वाली पार्टी का किला रही है। भाजपा के प्रत्याशी वर्षों से इस सीट से जीतते आ रहे हैं।
13 नवंबर को एक बार फिर प्रमुख राजनीतिक दलों की अग्नि परीक्षा होगी। मतदाताओं की निगाह पर कौन प्रत्याशी खरा उतरता है, आने वाला वक्त बताएगा। वैसे इस सीट का इतिहास बेहद ही रोचक रहा है। इस क्षेत्र में 1990 से पहले हुए विधानसभा चुनावों में जनता पार्टी और कांग्रेस के प्रत्याशी चुनाव जीतते रहे हैं, मगर इसके बाद से भाजपा ने इस क्षेत्र में अपनी पकड़ इतनी मजबूत बनाई यह सीट भाजपा की अभेद्य किला बन गई।
छात्रों के आंदोलन के असर से जीती थी जनता पार्टी
1977 में जब इस सीट पर चुनाव हो रहे थे उस समय देशभर में छात्रों के आंदोलन का बेहद असर रहा। हालांकि उस समय भाजपा चुनाव मैदान में ही नहीं थी। उस समय जनता पार्टी को समर्थन मिला था। जनता पार्टी की प्रत्याशी रजनी डीपी उपासने को 17 हजार 925 मत मिले थे और उनके निकट्तम प्रतिद्वंदी कांग्रेस प्रत्याशी रघुवीर प्रसाद चुनाव हार गए थे।
1980 और 1985 में रहा कांग्रेस का कब्जा
1980 में हुए विधानसभा चुनाव में रायपुर शहर और रायपुर ग्रामीण दोनों सीटों पर भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी। भाजपा को उस समय 27 प्रतिशत वोट मिले थे। 1985 में फिर दोनों सीटों पर कांग्रेस ने ही कब्जा किया। हालांकि भाजपा के प्रत्याशी वीरेंद्र पांडेय चुनाव में दूसरे स्थान पर रहे।
बृजमोहन का खिलाया कमल, आज तक नहीं मुरझाया
भाजपा के कद्दावर नेता और वर्तमान में रायपुर के सांसद बृजमोहन अग्रवाल इस क्षेत्र से लगातार आठ बार के विधायक रहे। सबसे पहले उन्होंने 1990 के रायपुर शहर विधानसभा क्षेत्र में भाजपा का परचम लहराया। इसके पहले 1989 में लोकसभा चुनाव में भी भाजपा को रायपुर लोकसभा सीट पर बढ़त मिली थी और रमेश बैस भाजपा की टिकट पर रायपुर लोकसभा सीट से निर्वाचित हुए थे। इसके एक साल बाद 1990 में हुए विधानभा चुनाव में बृजमोहन ने बाजी मारी। इसके बाद 1993,1998, 2003, 2008, 2013, 2018 के विधानसभा चुनाव में बृजमोहन ने लगातार जीत का परचम लहराया।
कांग्रेस की आंधी में भी बचाई सीट
2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की आंधी में रायपुर की चार में से तीन सीट भाजपा हार गई, लेकिन बृजमोहन अग्रवाल रायपुर- दक्षिण सीट से जीत गए थे। विधानसभा चुनाव 2018 में भाजपा को 90 में से महज 15 ही सीट मिली थी