5% अधिक हिंदू वोट से क्या बंगाल में भाजपा की सरकार बनेगी?

कोलकाता, 24 मार्च 2025 – पश्चिम बंगाल में 2026 के विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए भाजपा ने हिंदू मतदाताओं को एकजुट करने की रणनीति बनाई है। भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी ने हाल ही में ‘सनातनी’ एकता रैलियों का आयोजन किया, जिसमें उन्होंने तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सरकार की कथित हिंदू-विरोधी नीतियों और मुस्लिम तुष्टिकरण के मुद्दे को उठाया। भाजपा का दावा है कि यदि उन्हें 5% अधिक हिंदू वोट मिलते हैं, तो वे अगला चुनाव जीत सकते हैं।
‘सनातनी’ एकता रैलियों का आयोजन
सुवेंदु अधिकारी ने पूर्व मेदिनीपुर जिले के हल्दिया में एक बड़ी ‘सनातनी’ एकता रैली निकाली, जिसमें हजारों भाजपा समर्थकों ने भाग लिया। यह रैली हल्दिया की सड़कों से गुजरते हुए शहर के मध्य में समाप्त हुई। अधिकारी ने अपने संबोधन में कहा कि ममता बनर्जी सरकार की तुष्टिकरण की नीतियों के कारण हिंदुओं पर अत्याचार बढ़े हैं और टीएमसी सरकार इस पर कोई ध्यान नहीं दे रही है।
इससे पहले भी सुवेंदु अधिकारी ने तामलुक में ऐसी ही रैली का आयोजन किया था। उन्होंने कहा कि यह रैलियां हिंदुओं को एकजुट करने का प्रयास हैं और आगामी विधानसभा चुनावों में टीएमसी सरकार के पतन की शुरुआत साबित होंगी।
2021 के चुनावों में भाजपा का प्रदर्शन
2021 के पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों में भाजपा ने 294 में से 77 सीटें जीती थीं, जबकि टीएमसी ने 215 सीटों पर जीत दर्ज की थी। हालांकि, वोट प्रतिशत के मामले में भाजपा और टीएमसी के बीच बहुत बड़ा अंतर नहीं था। टीएमसी को 48.2% वोट मिले थे, जबकि भाजपा को 38.15% वोट हासिल हुए थे। भाजपा को लगभग 10% वोटों का नुकसान हुआ था।
सुवेंदु अधिकारी का कहना है कि यदि भाजपा को 5% अधिक हिंदू वोट मिलते हैं, तो टीएमसी का वोट प्रतिशत 43% तक गिर सकता है, जबकि भाजपा 43% से अधिक वोट प्राप्त कर सकती है। इससे भाजपा को बहुमत हासिल करने का मौका मिलेगा।
2016 में भाजपा की स्थिति
2016 के विधानसभा चुनावों में भाजपा ने केवल 3 सीटें जीती थीं और 10.16% वोट प्राप्त किए थे। इसके विपरीत, टीएमसी ने 211 सीटों पर जीत दर्ज की थी और 44.91% वोट हासिल किए थे। कांग्रेस और वाम मोर्चे ने क्रमशः 44 और 33 सीटें जीती थीं।
भविष्य की रणनीति
भाजपा अब 2026 के चुनावों में अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए हिंदू वोट बैंक को संगठित करने पर ध्यान केंद्रित कर रही है। पार्टी नेताओं का मानना है कि यदि हिंदू मतदाता भाजपा के पक्ष में अधिक संख्या में वोट डालते हैं, तो वे टीएमसी को सत्ता से बाहर कर सकते हैं। अब देखना यह होगा कि भाजपा की यह रणनीति आगामी चुनावों में कितनी कारगर साबित होती है।