क्यों मनाया जाता है वर्ल्ड हैप्पीनेस डे? जाने वर्ल्ड हैप्पीनेस इंडेक्स भारत का स्थान..

हर साल 20 मार्च को वर्ल्ड हैप्पीनेस डे मनाया जाता है और क्या आप जानते हैं कि हंसना न सिर्फ तनाव को कम करता है, बल्कि आपकी उम्र भी करीब 7 साल तक बढ़ा सकता है? तो चलिए,आज वर्ल्ड हैप्पीनेस डे के दिन ये जानते की इसकी शुरुआत कैसे हुई और हमे खुश रहने के लिए क्या क्या करना चाहिए, यह दिन हमें यह याद दिलाता है कि असली खुशी हमारे आसपास ही होती है — अपनों के साथ बिताए पलों में, किसी की मदद करने में, और खुद से प्यार करने में।वर्ल्ड हैप्पीनेस डे का मकसद बस इतना है कि इस भागदौड़ भरी जिंदगी में हम खुश रहना न भूलें, अपनी खुशी को प्राथमिकता दें और छोटे-छोटे पलों में भी मुस्कुराना सीखें। वर्ल्ड हैप्पीनेस डे की शुरुआत 2012 में हुई थी, जब संयुक्त राष्ट्र ने इसे आधिकारिक रूप से घोषित किया।
एक रिपोर्ट के मुताबिक फिनलैंड, डेनमार्क और स्विट्जरलैंड जैसे देश दुनिया के सबसे खुशहाल देशों में शामिल हैं।
फिनलैंड
फिनलैंड ने वर्ल्ड हैप्पीनेस रिपोर्ट में लगातार आठवें साल टॉप पर जगह बनाई है। फिनलैंड को 147 देशों की इस लिस्ट में पहले स्थान पर रखा गया है।
डेनमार्क
डेनमार्क को इस सूची में दूसरे स्थान पर रखा गया है। इस लिस्ट में और भी नॉर्डिक देशों ने जगह बनाई है।
नॉर्वे
खुशहाली की सूची में नॉर्वे तीसरे नंबर पर है। यहां की जनसंख्या महज पचपन लाख है। यह यूरोप में न्यूनतम जनसंख्या घनत्व वाले देशों मे दूसरे नंबर पर है।
हालांकि, भारत का स्थान इस रिपोर्ट में बहुत ऊपर नहीं आता, और इसकी वजह है जनसंख्या का दबाव, बेरोज़गारी, स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी और बढ़ता तनाव। ऐसे में लोग अक्सर भागदौड़ में खुश रहना भूल जाते हैं। भारत वर्ल्ड हैप्पीनेस रिपोर्ट की 147 देशों की सूची में भारत 118वें स्थान पर है।
तो ऐसे में हर दिन खुश रहने की कला को अपनाएं, दूसरों का आभार व्यक्त करें,दूसरों की मदद करें, असली जीवन में खुशियाँ तलाशें,योग और ध्यान का अभ्यास करें,सकारात्मक लोगों के साथ रहें, और नकारात्मकता से दूरी बनाएं रखे