भूपेश-लखमा ने ईवीएम पर उठाए सवाल, तो शिवरतन-केदार ने किया पलटवार…
रायपुर। भाजपा और कांग्रेस में ईवीएम को लेकर जुबानी जंग शुरू हो गई है। कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, पूर्व मंत्री व कोंटा विधायक कवासी लखमा ने ईवीएम पर सवाल उठाए हैं। इधर, भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष शिवरतन और प्रवक्ता केदार गुप्ता ने कांग्रेस के रुख पर तीखा हमला बोला है औऱ इसे सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय की खुली अवहेलना बताया है।
दूसरे दिन तक बदलते रहते हैं आंकड़े : बघेल
पूर्व मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव में जिस पोलिंग बूथ में कांग्रेस जीती थी, आज वहां एक भी वोट नहीं मिल रहा है। यह कैसे संभव हो सकता है? आदमी जोड़े-घटाए जाए तो समझ में आता हैै लेकिन मशीन का जोड़ना-घटाना समझ में नहीं आता है। कांग्रेस की वर्किंग कमेटी की बैठक में शामिल होने के लिए दिल्ली रवाना होने से पहले बघेल मीडिया से चर्चा कर रहे थे। कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक 29 नवंबर को प्रस्तावित है।
एक सवाल का जवाब देते हुए बघेल ने कहा कि जब बैलेट पेपर से चुनाव होते थे तो शाम-रात तक मतदान का प्रतिशत पता चल जाता था। वर्तमान में ईवीएम में दूसरे दिन तक आंकड़े बदलते रहते है और इसका अंतर भी काफी ज्यादा होता है।
एक अन्य सवाल का जवाब देते हुए बघेल ने कहा कि बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमले को लेकर केंद्र सरकार को आवाज उठानी चाहिए। दुनिया में कहीं भी भारतीय है तो उसकी जिम्मेदारी केंद्र सरकार की है। हर जगह भाजपा राजनीति न करें। भूपेश बघेल ने कहा कि रायपुर समेत प्रदेश भर में इन दिनों हत्या, लूट और दुष्कर्म की घटना हो रही हैं। इसके बाद भी गुड गवर्नेस की बात हो रही है।
चुनाव बहिष्कार को लेकर चल रहा विचार : लखमा
जगदलपुर में पत्रकारों से बातचीत में कवासी लखमा ने कहा कि ईवीएम से भविष्य में चुनाव कराने पर कांग्रेस चुनाव का बहिष्कार कर सकती है। इसे लेकर लगातार शंकाएं उठ रही हैं। पार्टी के शीर्ष स्तर पर विचार चल रहा है।
लोकतंत्र और न्यायपालिका का खुला मखौल उड़ा रही कांग्रेस : शिवरतन
भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष शिवरतन शर्मा ने कहा कि यह साफ हो गया है कि संविधान और संवैधानिक संस्थाओं के प्रति कांग्रेस के लोगों में जरा भी सम्मान नहीं है। देश में संविधान रक्षक अभियान चलाकर कांग्रेस सिर्फ राजनीतिक नौटंकी करने में लगी है। कांग्रेस सरकार में मंत्री रहे कवासी लखमा ने कहा है कि ईवीएम से आगामी विधानसभा चुनाव हुआ तो कांग्रेस चुनाव नहीं लड़ेगी।
उन्होंने यह बता दिया है कि कांग्रेस को न तो देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था में कोई भरोसा है और न ही देश की सर्वोच्च अदालत के फैसले के प्रति सम्मान है। लखमा का यह बयान कांग्रेस के असली राजनीतिक चरित्र का ही परिचायक है।