वक्फ संशोधन बिल राज्यसभा से पास, नए राजनीतिक समीकरण उभरे

नई दिल्ली: लोकसभा के बाद राज्यसभा में भी वक्फ संशोधन बिल पास हो गया। इस बिल पर गुरुवार देर रात वोटिंग हुई, जिसमें नए राजनीतिक समीकरण देखने को मिले। बिल के पक्ष में 128 और विरोध में 95 वोट पड़े। जबकि सरकार के पास कुल 125 और विपक्ष के पास 88 सांसद हैं।
इस मतदान में 13 सांसदों ने हिस्सा नहीं लिया। अन्य 23 सांसद वे हैं, जो किसी गठबंधन का हिस्सा नहीं हैं। बीजेडी और वायएसआरसीपी ने अपने सांसदों के लिए व्हिप जारी नहीं किया था, जबकि एआईएडीएमके के चार सांसदों ने बिल के खिलाफ वोट दिया। बीजेडी के सस्मित पात्रा और वायएसआरसीपी के परिमल नाथवानी ने बिल के पक्ष में मतदान किया।
राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद बनेगा कानून
राज्यसभा में इस बिल पर 13 घंटे तक चर्चा हुई। इससे पहले लोकसभा में भी इस बिल पर 12 घंटे बहस हुई थी, जहां 288 वोट इसके पक्ष में और 232 वोट विरोध में पड़े थे। अब यह बिल राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा और उनकी मंजूरी के बाद यह कानून बन जाएगा।
संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि यह बिल पारदर्शिता और जवाबदेही लाने के लिए जरूरी है। उन्होंने कहा कि यह किसी धर्म के खिलाफ नहीं है, बल्कि समाज के हित में लाया गया है।
पीएम मोदी का बयान
बिल के पास होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि दशकों से वक्फ प्रणाली में पारदर्शिता की कमी थी, जिससे गरीब और पसमांदा मुसलमानों को नुकसान हो रहा था। उन्होंने कहा कि नया कानून पारदर्शिता बढ़ाएगा और लोगों के अधिकारों की रक्षा करेगा।
वक्फ संशोधन बिल को लेकर संसद में लंबी बहस और मतदान हुआ। सरकार का दावा है कि यह पारदर्शिता लाने के लिए जरूरी है, जबकि विपक्ष इसके खिलाफ रहा। अब राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद यह कानून बनेगा।





