उपराष्ट्रपति चुनाव: भाजपा ने जीत को बताया विपक्षी समर्थन का नतीजा, कांग्रेस ने दी नैतिक हार की तगड़ी दलील

दिल्ली। जग उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन की भारत के नए उपराष्ट्रपति पद पर जीत के बाद भाजपा और कांग्रेस आमने-सामने आ गए हैं। भाजपा ने इस जीत को उम्मीद से बड़ी और विपक्षी सांसदों के समर्थन का नतीजा बताया, वहीं कांग्रेस ने इसे सत्तारूढ़ दल की नैतिक और राजनीतिक हार करार दिया।

भाजपा सांसद संजय जायसवाल ने दावा किया कि राधाकृष्णन को कुल 452 वोट मिले, जबकि राजग की संख्या 427 थी। उन्होंने कहा कि लगभग 40 विपक्षी सांसदों ने अंतरात्मा की आवाज पर एनडीए उम्मीदवार को वोट दिया। भाजपा नेताओं ने प्रधानमंत्री के नेतृत्व और राधाकृष्णन की व्यापक स्वीकार्यता को जीत का कारण बताया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने विश्वास जताया कि उनके नेतृत्व में राज्यसभा नई ऊंचाइयों को छुएगी। वहीं जेपी नड्डा, धर्मेंद्र प्रधान और पूर्व उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने भी राधाकृष्णन को बधाई दी।

दूसरी ओर कांग्रेस ने कहा कि भाजपा की अंकगणितीय जीत दरअसल नैतिक और राजनीतिक हार है। पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने राधाकृष्णन को बधाई दी, लेकिन कहा कि यह चुनाव विचारधारा की लड़ाई था। उन्होंने उम्मीद जताई कि नए उपराष्ट्रपति विपक्ष की आवाज का सम्मान करेंगे और दबाव में नहीं आएंगे। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने भी भाजपा पर तंज कसा कि वैचारिक संघर्ष अब भी जारी है। कांग्रेस नेता राजेश ठाकुर ने क्रास वोटिंग को भाजपा की “वोट डकैती” करार दिया। हालांकि विपक्षी उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी ने हार को स्वीकार करते हुए कहा कि लोकतंत्र केवल जीत से नहीं बल्कि संवाद, असहमति और भागीदारी की भावना से मजबूत होता है।

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