छत्तीसगढ

छत्‍तीसगढ़ राज्योत्सव में उपराष्ट्रपति बोले- निस्वार्थ सेवा के नाम पर श्रद्धा को परिवर्तन करने का हो रहा प्रयास..

रायपुर। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि निस्वार्थ सेवा की आड़ में हमारी श्रद्धा को परिवर्तित करने का प्रयास किया जा रहा है। यह धनबल और भोलेपन के आधार पर हो रहा है। हजारों साल पुरानी संस्कृति पर प्रहार किया जा रहा है। इन प्रयत्‍नों में खासतौर पर आदिवासियों को निशाना बनाया जाता है। देश की आत्मा को जीवंत रखने ऐसी ताकतों को कुचलने की आवश्यकता है। देश की संस्कृति सबको समेटने वाली है। इस विशेषता को बरकरार रखना है। राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर नवा रायपुर में आयोजित तीन दिवसीय राज्योत्सव के समापन तथा राज्य अलंकरण समारोह में उपस्थित लाेगों को उपराष्ट्रपति धनखड़ संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के युवाओं के लिए एक और चिंता का कारण है, जिस पर सरकार काम कर रही है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने नक्सलवाद से लड़ने का काम किया है। सरकार की सकारात्मक नीतियों की वजह से युवाओं को अनेक अवसर मिल रहे हैं।

उपराष्ट्रपति धनखड़ ने पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्व. अटल बिहारी वाजपेयी को याद करते हुए कहा कि उन्होंने राजनीति में ऐसी सर्जरी किया कि किसी को पीड़ा नहीं हुई और तीन राज्य बन गए। मुख्यमंत्री साय ने राज्य के स्थापना दिवस पर पड़ोसी राज्य के मुख्यमंत्री को बुलाकर एक बड़ा मापदंड हासिल किया है। इस अवसर पर राज्यपाल रमेन डेका, विधानसभा अध्यक्ष डा. रमन सिंह, उपमुख्यमंत्री अरुण साव, मुख्य सचिव अमिताभ जैन, पुलिस महानिदेशक अशोक जुनेजा आदि मौजूद थे।

अंतिम सांसें गिन रहा नक्सलवाद: सीएम साय

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि आदिवासी क्षेत्रों में शांति स्थापित करते हुए लोकतंत्र की जड़ों को मजबूत किया जा रहा है। राज्य की पुण्य भूमि में हिंसा का कोई स्थान नहीं है। नक्सलवाद अब अंतिम सांसें गिन रहा है। उन्होंने कहा कि अगले साल राज्य स्थापना की रजत जयंती मनाएंगे। राज्य के भावी विकास में महिलाएं हमारी ताकत हैं। महतारी वंदन योजना से आर्थिक और सामाजिक रूप से सशक्त हो रही हैं। महिला सशक्तिकरण से प्रदेश का सशक्तिकरण कर पाएंगे।

राज्य अलंकरण प्राप्त कलाकारों के लिए बनेगा विशिष्ट ग्रेड

मुख्यमंत्री साय ने छत्तीसगढ़ कलाकार पंजीयन भुगतान नियम 2021 के संबंध में कला, संगीत, नृत्य, नाट्य व गायन के क्षेत्र में राज्य अलंकरण प्राप्त कलाकारों के लिए एक विशिष्ट ग्रेड ‘ए1’ निर्धारित करने की घोषणा की। साथ ही समस्त ‘ए’ श्रेणी के कलाकारों की अधिकतम कार्यक्रम स्वीकृति सीमा को 10 से बढ़ाकर 20 तथा ‘बी’ की अधिकतम सीमा 12 को बढ़ाकर 24 करने तथा ग्रेड निर्धारण समिति की प्रत्येक बैठक में अधिकतम तीन प्रतिष्ठित कला विशेषज्ञों को अशासकीय सदस्य के रूप में सम्मिलित करने की घोषणा की।

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