छ्त्तीसगढ़ के दिग्गज आदिवासी नेता नंदकुमार साय ने आज मंगलवार को बीजेपी की सदस्यता ले ली है। आज छत्तीसगढ़ में बीजेपी की सदस्यता अभियान लॉन्च हुआ। इस मौके पर साय ने भी ऑनलाइन बीजेपी की सदस्यता ली। वो शाम को सीएम हाउस जाने वाले हैं। वहां पर बीजेपी के सीनियर नेताओं से मुलाकात करेंगे। अमर उजाला से टेलिफोनिक खास बातचीत में उन्होंने कहा कि वो कुछ परिस्थितियों की वजह से छत्तीसगढ़ कांग्रेस में चले गये थे, लेकिन वो पूरी तरह से बीजेपी नेता हैं। बीजेपी के स्थापना काल से ही वो जुड़े हुए हैं। संस्थापक सदस्यों में रहे हैं। अब पार्टी को और मजबूत करने के लिए काम करेंगे। संगठन और सत्ता में पद को लेकर कहा कि ये पार्टी तय करेगी कि क्या जिम्मेदारी देनी है।
साय ने बीजेपी छोड़कर कांग्रेस का दामन थामा था, लेकिन पार्टी ने उन्हें चुनाव लड़ने के लिए टिकट नहीं दिया। साथ ही विधानसभा चुनाव 2023 में कांग्रेस सत्ता से बेदखल हो गई। ऐसे में प्रदेश में बीजेपी की सरकार बनने पर साय ने मौके का फायदा उठाया है। फिर से अपने पुराने घर यानी बीजेपी में वापसी की है। छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी शिकस्त के बाद उन्होंने 20 दिसंबर 2023 को कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था।
30 अप्रैल को बीजेपी से दिया था इस्तीफा
30 अप्रैल को साय ने बीजेपी से इस्तीफा दिया था। पार्टी के सभी दायित्वों से खुद को अलग कर लिया था। 1 मई 2023 को तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मौजूदगी में कांग्रेस में प्रवेश किए थे। इस दौरान उन्होंने कहा था कि अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी जैसे लोगों के साथ रहा हूं। अटल बिहारी वाजपेयी को फॉलो करता था। अटल-आडवाणी के दौर की जो बीजेपी थी, वो पार्टी अब उस रूप में नहीं रह गई है। परिस्थितियां बदल चुकी हैं। पूर्व सीएम बघेल की उपस्थिति में साय ने कांग्रेस प्रदेश कार्यालय राजीव भवन में कांग्रेस में शामिल हुए थे। फिर वो कांग्रेस के सभी बड़े कार्यक्रमों में शिरकत करते रहे। सरकारी कार्यक्रमों में भूपेश बघेल के साथ दिखते रहे। साय को छत्तीसगढ़ राज्य औद्योगिक विकास निगम का चेयरमैन बनाया था, लेकिन राज्य में बीजेपी की सरकार बनते ही साय ने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज को अपना इस्तीफा सौंप दिया है।