Chhattisgarh Nun Arrest:छत्तीसगढ़ में दो ननों की गिरफ्तारी पर बवाल, केरल से दिल्ली तक मचा राजनीतिक हंगामा

छत्तीसगढ़:  दुर्ग रेलवे स्टेशन से इस हफ्ते दो ननों- प्रीति मैरी और वंदना फ्रांसिस, और एक व्यक्ति सुकमन मंडावी को गिरफ्तार किया गया। आरोप है कि ये लोग तीन महिलाओं का जबरन धर्मांतरण करवाकर उन्हें मानव तस्करी के ज़रिए कहीं और ले जा रहे थे। ये गिरफ्तारी एक स्थानीय शख्स की शिकायत के बाद हुई।

लेकिन परिवारों ने इनकार किया

जिन तीन महिलाओं को लेकर ये गंभीर आरोप लगाए गए हैं, उनके परिवारों ने इन दावों को गलत बताया है। एक लड़की की बहन ने कहा, “वो नौकरी के लिए जा रही थी, हमने खुद भेजा क्योंकि हमें उन पर पूरा भरोसा है।”

नन कहां से हैं और क्या कहती है संस्था?

प्रीति और वंदना दोनों केरल की रहने वाली हैं। Assisi Sisters of Mary Immaculate संस्था से जुड़ी ये नन मध्यप्रदेश में सेवा करती थीं। संस्था की महासचिव नित्या फ्रांसिस का कहना है कि ये महिलाएं आगरा के एक कॉन्वेंट में काम करने जा रही थीं और सब कुछ परिवार की अनुमति से हुआ था।

केरल में मचा बवाल

घटना के बाद केरल में जबरदस्त राजनीतिक बवाल मच गया है। कांग्रेस की नेता प्रियंका गांधी ने संसद परिसर में प्रदर्शन किया और छत्तीसगढ़ सरकार से दोनों ननों की रिहाई की मांग की। केरल के मुख्यमंत्री पी. विजयन ने इस मामले में प्रधानमंत्री मोदी से दखल देने की अपील की है।

केरल में विधानसभा चुनाव नजदीक हैं, और ऐसे में ये मामला राजनीतिक रूप से गर्माया हुआ है। कांग्रेस, यूडीएफ और एलडीएफ – सभी दल मिलकर भाजपा पर हमला कर रहे हैं। कई जगह बीजेपी के खिलाफ प्रदर्शन हुए और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का पुतला जलाया गया।

क्या बोले भूपेश बघेल?

छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस गिरफ्तारी को “ध्रुवीकरण की राजनीति” बताया और कहा कि भाजपा शासित राज्यों में अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया जा रहा है।

वकील का आरोप: बिना जांच गिरफ्तारी

ननों के वकील तामसकर टंडन का कहना है कि बिना किसी ठोस जांच के ही एफआईआर दर्ज कर ली गई और GRP ने सिर्फ शक के आधार पर कार्रवाई की। वहीं, ईसाई संगठनों का कहना है कि दक्षिणपंथी समूहों ने जानबूझकर इस मामले को तूल दिया।

फिलहाल यह मामला केरल से लेकर छत्तीसगढ़ तक राजनीतिक और धार्मिक बहस का मुद्दा बन गया है। जबकि आरोपियों और पीड़ित परिवारों की तरफ से बार-बार यही कहा जा रहा है कि यह सिर्फ नौकरी के सिलसिले में यात्रा थी, कोई ज़बरदस्ती नहीं हुई थी। अब देखना है कि जांच में आगे क्या सच सामने आता है।

 

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