छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में हंगामा: फर्जी दस्तावेजों से हुआ खुलासा,महाधिवक्ता ने जताई नाराजगी
रायपुर। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में एक गंभीर धोखाधड़ी का मामला सामने आया है, जहां एक अधिकारी ने अपनी जगह दूसरे व्यक्ति को ओआईसी (प्रभारी अधिकारी) बनाकर भेजा। इस घटना पर राज्य के महाधिवक्ता प्रफुल्ल भारत ने नाराजगी जताई है और राज्य के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
क्या है मामला?
हाई कोर्ट द्वारा राज्य शासन को नोटिस जारी करने के बाद, जल संसाधन विभाग के ओआईसी सुरेश कुमार पांडे को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया गया था। लेकिन, सुरेश कुमार पांडे की जगह प्रदीप कुमार वासनिक महाधिवक्ता कार्यालय पहुंचे और खुद को सुरेश पांडे बताकर जवाब दाखिल करने की कोशिश की। जब महाधिवक्ता कार्यालय में दस्तावेजों की जानकारी मांगी गई, तो प्रदीप वासनिक की धोखाधड़ी का खुलासा हुआ।
महाधिवक्ता की नाराजगी
महाधिवक्ता प्रफुल्ल भारत ने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए मुख्य सचिव को पत्र लिखा है। उन्होंने इसे न्यायिक प्रक्रिया में हस्तक्षेप और धोखाधड़ी करार दिया है। महाधिवक्ता ने स्पष्ट किया कि इस तरह की धोखाधड़ी से राज्य के मामलों में नुकसान हो सकता है और यह भारतीय न्याय संहिता के तहत दंडनीय अपराध है।
महाधिवक्ता ने मुख्य सचिव से कहा है कि अब से केवल अधिकृत ओआईसी ही रिटर्न फाइल कराने के लिए महाधिवक्ता कार्यालय आएंगे। इसके अलावा, अगर किसी और व्यक्ति ने ऐसा करने की कोशिश की, तो उसके खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 319 के तहत कार्रवाई की जाएगी। प्रदीप वासनिक और सुरेश कुमार पांडे के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग भी की गई है।
बता दें कि यह मामला तीन याचिकाओं से जुड़ा हुआ है, जिनमें याचिकाकर्ताओं ने जल संसाधन विभाग के खिलाफ राहत की मांग की है। इन याचिकाओं पर छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में एक साथ सुनवाई चल रही है।