टीकाकरण के बाद दो नवजात ने तोड़ा दम, ऑब्जर्वेशन में रखे गए 5 मासूम, दहशत में आए लोग!
बिलासपुर जिले में शनिवार को स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही उजागर हुई, जहां टीकाकरण के बाद दो नवजात शिशुओं की मौत हो गई है, जबकि टीकाकरण के बाद 5 नवजात शिशुओं को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कोटा में ऑब्जर्वेशन में रखा गया है. टीकाकरण के बाद नवजातों की मौत के बाद गांव में हड़कंप मच गया. परिजनों ने जमकर हंगामा किया और स्वास्थ्य विभाग को मासूमों की मौत का जिम्मेदार ठहराया है.
टीकाकरण के बाद मारे गए नवजातों के शवों को ऑब्जर्वेशन में रखा गया
टीकाकरण के बाद बच्चों को खोने वाले पीड़ित परिजनों का कहना है कि आंगनबाड़ी केंद्र में 30 अगस्त को टीका लगाया गया था, इसके बाद उनकी तबियत बिगड़ने लगी और अचानक उनकी मृत्यु हो गई. दोनों नवजात शिशुओं की मृत्यु के बाद गांव में टीकाकरण को लेकर गांव में दहशत फैल गया. मृत नवजातों के शवों को ऑब्जर्वेशन में रखा गया है।
दम तोड़ने वाला एक नवजात 3 दिन का था, तो दूसरा 2 माह का था
टीकाकरण के बाद दम तोड़ने वाले दोनों नवजात शिशु की मौत के बाद पूरे क्षेत्र में दहशत और आक्रोश का माहौल है. बताया जा रहा है नवजात शिशु में पैदा हुए एक शिशु की उम्र दो माह और दूसरे को केवल तीन दिन ही हुए थे, लेकिन टीका लगने के बाद दोनों ही नवजात शिशुओं की दर्दनाक मृत्यु हो गई.
टीकाकरण बाद से बिगड़ने लगी थी मारे गए नवजातों की तबियत
रिपोर्ट के मुताबिक ग्राम पटैता के कोरीपाड़ा स्थित आंगनबाड़ी केंद्र में गत 30 अगस्त को एक साथ सात शिशुओं को टीका लगाया गया था, जिसमें दो नवजात की मौत हो चुकी है, जबकि 5 शिशुओं को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में ऑब्जर्वेशन में रखा गया है. हालांकि टीकाकरण से हुई मौत के कारणों का खुलासा नहीं हो सका है.
सभी शिशुओं को लगाया गया था BCG और पेंटा-1का टीका
बताया जाता है कि आंगनबाड़ी केंद्र में 30 अगस्त को कुल 7 बच्चों का टीकाकरण किया गया था. सभी नवजात शिशुओं को बीसीजी (BCG) पेंटा-1 (Pentavalent Vaccine) लगाया गया था, जिसके बाद सभी नवजातों के तबियत बिगड़ने लगी और दो शिशुओं की दूसरे दिन मौत हो गई, जिससे हड़कंप मच गया. शेष 5 शिशुओ को ऑब्जर्वेशन में रखा गया है.
परिवार मासूमों के मौत के लिए स्वास्थ्य विभाग को ठहराया जिम्मेदार
पीड़ित परिवार ने मासूमों के मौत के लिए स्वास्थ्य विभाग को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं. घटना की जानकारी मिलते ही मौके पर पहुंचे तहसीलदार चंद्र साहू और स्वास्थ्य सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कोटा पहुंचे, जहां स्वास्थ्य विभाग के बीएमओ से नवजात शिशुओं की तबीयत की जानकारी ली. अब जांच के बाद नवजात की मौत का खुलासा हो सकेगा.