‘ट्रंप टैरिफ’ से आपकी किचन का खर्च हो सकता है कम, जानें कैसे जुड़े हैं अमेरिका के नए नियम से भारतीय बाजार

ट्रंप टैरिफ:अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में घोषणा की है कि वह 2 अप्रैल से भारत पर ‘जैसे को तैसा टैरिफ’ (Reciprocal Tariffs) लगाएंगे। इस फैसले का असर भारत की अर्थव्यवस्था और आम जनता पर पड़ सकता है। खास बात यह है कि इससे आपकी किचन का खर्च भी कम हो सकता है। आइए जानते हैं कैसे।

भारत पर ‘जैसे को तैसा टैरिफ’ क्या है?

ट्रंप ने कहा है कि भारत जैसे देश अमेरिकी उत्पादों पर भारी टैरिफ लगाते हैं, इसलिए अमेरिका भी वैसा ही करेगा। भारत मुख्य रूप से अमेरिका से पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस, कीमती पत्थर, न्यूक्लियर रिएक्टर, इलेक्ट्रॉनिक मशीनरी और कृषि उत्पाद आयात करता है। खासतौर पर, अमेरिका से बादाम, पिस्ता, सेब और दालों का बड़ा आयात होता है।

कैसे कम होगा किचन का खर्च?

अमेरिका अपने कृषि उत्पादों पर भारी सब्सिडी देता है। उदाहरण के लिए, चावल पर 82%, चीनी पर 66% और ऊन पर 215% तक की सब्सिडी मिलती है। इससे अमेरिकी कृषि उत्पाद सस्ते हो जाते हैं।

अगर भारत ट्रंप के दबाव में अमेरिकी उत्पादों पर टैरिफ कम करता है, तो भारी सब्सिडी की वजह से अमेरिका से आने वाले कृषि उत्पाद भारतीय बाजार में सस्ते हो जाएंगे। इससे बादाम, पिस्ता, सेब और दाल जैसी चीजों की कीमतों में गिरावट आ सकती है, जिससे किचन का खर्च कम होगा।

भारत का जवाबी कदम

भारत सरकार इस स्थिति से निपटने के लिए रणनीति बना रही है। एक विकल्प कुछ अमेरिकी उत्पादों पर टैरिफ कम करने का है, जबकि दूसरा अमेरिका को ‘Most Favoured Nation’ (MFN) का दर्जा देने का है, जिससे व्यापार में कम शुल्क लगेगा।

हालांकि, यदि भारत टैरिफ कम करता है, तो सस्ते अमेरिकी कृषि उत्पाद भारतीय किसानों के लिए चुनौती बन सकते हैं। ऐसे में सरकार को संतुलन बनाना होगा, ताकि आम लोगों को राहत मिले और किसानों को नुकसान न हो।

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