छत्तीसगढ

अचानकमार में बाघ देख पर्यटकों का मन हो गया बाग-बाग…

बिलासपुर।अचानकमार टाइगर रिजर्व से एक अच्छी खबर आई है। दूसरे टाइगर रिजर्व की तरह यहां भी पर्यटकों को बाघ का दीदार होने लगा है। शनिवार को एक साथ तीन जिप्सी पर्यटकों ने भ्रमण के दौरान प्रत्यक्ष रूप से बाघ को देखा। अंबिकापुर के पर्यटकों ने तो बकायदा जंगल में बाघ के चलते हुए वीडियो भी अपने मोबाइल पर कैद किया और टाइगर रिजर्व प्रबंधन को शेयर किया। जिसे देखने इतनी दूर से पर्यटक पहुंचे थे, उसे सामने देख मन खुशी से झूम उठा।

अचानकमार टाइगर रिजर्व की हमेशा से बाघ को लेकर किरकिरी होती रही है। पर्यटकों के बीच यह शिकायत रहती है कि यह बाघ संरक्षित क्षेत्र है। लेकिन, जब भी जाओ, बाघ दिखाई नहीं देता। पर्यटक तो यहां तक कहने से नहीं चूकते कि अचानकमार में बाघ है ही नहीं। लेकिन, अब समय बदल रहा है। बेहतर प्रबंधन और नियमित मानिटरिंग का प्रभाव है कि कान्हा, बांधवगढ़ व पेंच से टाइगर रिजर्व की तरह यहां भी पर्यटक प्रत्यक्ष बाघ का दीदार कर पा रहे हैं। शनिवार को दोपहर तीन बजे से शाम छह बजे के पाली में शिवतराई से तीन जिप्सी की बुकिंग थी। इनमें से पहली जिप्सी अंबिकापुर से आए पर्यटकों ने कराई थी। भ्रमण के दौरान उन्होंने ही सबसे पहले बाघ को जंगल में विचरण करते देखा। पर्यटकों की नजर जैसे ही बाघ पर पड़ी, उन्होंने तत्काल चालक को जिप्सी रोकने के लिए कहा। इसके बाद वह वीडियो बनाने लगे। उनके गुजरते ही दूसरी और थोड़ी देर बाद तीसरी जिप्सी पहुंची। इन दोनों जिप्सी में सवार पर्यटकों ने बाघ को मन भर देखा। गाइड व चालक ने सुरक्षा का ध्यान रखने के लिए कहा और जिप्सी से न उतरने का सुझाव दिया।

एटीआर में 10 से 11 बाघ

अचानकमार टाइगर रिजर्व प्रबंधन के रिकार्ड में 10 से 11 बाघ हैं। फोर फेस मानिटरिंग के दौरान दल को पद चिन्ह मिले और ट्रैप कैमरे भी उनकी तस्वीर कैद हुई है। कुछ शावक भी हैं। जिनकी संख्या प्रबंधन ने अब तक उजागर नहीं किया गया है। प्रबंधन का मानना है कि आने वाले दिनों में अचानकमार टाइगर रिजर्व में बाघ हर दिन पर्यटकों को नजर आएगा। प्रबंधन कुनबा बढ़ाने के लिए भारी जद्दोजहद कर रहा है। सुरक्षा को लेकर पैट्रोलिंग टीम भी बनाई गई है, जो केवल बाघों की मानिटरिंग करती है।

नाम व जगह रखा गोपनीय

पर्यटकों ने बाघ अचानकमार के किस हिस्से में देखा और कितने समय, प्रबंधन को इसकी जानकारी है। उन्हें यह मालूम है कि उस बाघ का नाम क्या है। लेकिन, सुरक्षा के मद्देनजर लोकेशन को गोपनीय रखा गया है। पर्यटकों से भी अपील की गई कि वह स्थल को साझा न करें। जिस पर्यटकों को बाघ नजर आया, प्रबंधन ने उनका नाम व मोबाइल नंबर भी दर्ज किया है। पर्यटक अंबिकापुर निवासी विकास बेहरा है, जो परिवार के साथ अचानकमार भ्रमण करने के लिए पहुंचे थे। दूसरी जिप्सी में मुंगेली के निखिल देवांगन और तीसरी जिप्सी में सिमगा के अभिजीत घोष के नाम से बुकिंग हुई थी। यह टाइगर रिजर्व प्रबंधन का सिस्टम है। जब रिपोर्ट बनाई जाती है, तो तब प्रबंधन द्वारा इसे शामिल किया जाता है।

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