महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए 17 महिला समूहों को मिला 39 लाख का ऋण

रायगढ़। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए लगातार काम कर रही है। इसी कड़ी में रायगढ़ जिले में 17 महिला स्व-सहायता समूहों को छत्तीसगढ़ महिला कोष ऋण योजना के तहत कुल 39 लाख रुपये का ऋण स्वीकृत किया गया है। कलेक्टर मयंक चतुर्वेदी ने यह राशि महिलाओं को रोजगार के लिए मंजूर की।
इस योजना का उद्देश्य महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना और उनके व्यवसाय को मजबूती देना है। महिला एवं बाल विकास विभाग के अनुसार, जिन महिला समूहों का गठन एक साल से ज्यादा पुराना है और जिनका ग्रेड ए है, उन्हें आसान किस्तों पर केवल 3% सालाना ब्याज दर पर पहली बार में 2 लाख रुपये और समय पर भुगतान के बाद दूसरी बार में 6 लाख रुपये तक का ऋण दिया जाता है।
जिला कार्यक्रम अधिकारी ने बताया कि जिन समूहों को ऋण दिया गया है, उनमें से 9 समूहों को रेडी टू ईट बनाने के लिए रकम दी गई है। इन समूहों में नायरा, प्रगति, मां अम्बे, लक्ष्मी, सरस्वती, शक्ति, जगन्नाथ, देवी और सरस्वती महिला समूह शामिल हैं।
इसके अलावा कुछ समूहों को राशन दुकान, सब्जी उत्पादन, बकरी पालन, खेती और मसाला उद्योग के लिए भी ऋण मिला है। जैसे कि:
स्वास्तिक, स्वेच्छा और इच्छा समूह को राशन दुकान के लिए
शारदा समूह को सब्जी उत्पादन के लिए
जय मां शारदा और संगवारी समूह को बकरी पालन के लिए
पूजा समूह को खेती के लिए
आशा महिला समूह को मसाला उद्योग के लिए
कलेक्टर और जिला कार्यक्रम अधिकारी ने सभी महिला समूहों को शुभकामनाएं दीं और उम्मीद जताई कि ये महिलाएं अपने व्यवसाय को आगे बढ़ाकर न सिर्फ खुद को बल्कि अपने परिवार और गांव को भी सशक्त बनाएंगी।
यह पहल न केवल महिलाओं की आर्थिक स्थिति मजबूत करेगी, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार और आजीविका के नए साधन भी तैयार करेगी।





