छत्तीसगढ

आंजनेय विश्वविद्यालय में “पत्रकारिता और समकालीन मुद्दों” पर तीन दिवसीय राष्ट्रीय वेबिनार का शुभारंभ

रायपुर। आंजनेय विश्वविद्यालय के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग और प्रेस क्लब रायपुर के तत्वावधान में “पत्रकारिता और समकालीन मुद्दे” विषय पर तीन दिवसीय नेशनल वेबिनार की शुरुआत हुई। उद्घाटन सत्र में रायपुर प्रेस क्लब के अध्यक्ष प्रफुल्ल ठाकुर मुख्य वक्ता के रूप में शामिल हुए। उन्होंने समकालीन पत्रकारिता के मुद्दों पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि आज की पत्रकारिता एक परिवर्तनशील दौर से गुजर रही है, जहां नैतिक मूल्यों के साथ संघर्ष देखने को मिल रहा है।

इसके बावजूद, पत्रकारिता अभी भी अपने नैतिक सिद्धांतों पर टिकी हुई है। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता को लोकतंत्र का चौथा स्तंभ माना जाता है और इस महत्वपूर्ण भूमिका को निभाते हुए पत्रकारों का कर्तव्य है कि वे अपने कार्यों को हमेशा जनता और राष्ट्र के हित में करें। सही, सटीक और निष्पक्ष समाचारों का प्रसारण पत्रकारिता का मूल मंत्र है। ठाकुर ने पिछले चार-पांच वर्षों में पत्रकारिता में आए परिवर्तनों पर भी प्रकाश डाला, विशेषकर ग्राउंड रिपोर्टिंग और फील्ड रिपोर्टिंग के बढ़ते महत्व पर अपने विचार सांझा किये। पत्रकारिता को आज के दौर में नई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन इसके मूल सिद्धांतों को बनाए रखना बेहद आवश्यक है।

वेबीनार के पहले तकनीकी सत्र में हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय के सहायक प्रोफेसर डॉ. साकेत कुमार ने “डायवर्सिटी एंड रिप्रेजेंटेशन इन मीडिया” विषय पर व्याख्यान दिया। उन्होंने बताया कि मीडिया में विविधता और प्रतिनिधित्व एक ऐसा विषय है जो आधुनिक समाज में अत्यंत महत्वपूर्ण है। मीडिया किसी भी समाज का आईना होता है और यह जनता की धारणाओं, विश्वासों और दृष्टिकोणों को आकार देने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। मीडिया का दायित्व है कि वह समाज के सभी वर्गों का सही और समग्र प्रतिनिधित्व करे। हालाँकि, हमारे मुख्यधारा के मीडिया में हाशिए पर पड़े समूहों, महिलाओं और अल्पसंख्यकों का प्रतिनिधित्व अक्सर सीमित होता है। लेकिन आज मीडिया इस दिशा में सुधार कर रहा है और इन समूहों के लिए अपनी आवाज़ उठा रहा है।

तीसरे सत्र में, सरला बिरला विश्वविद्यालय, रांची के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के अध्यक्ष, सुधीर कुमार ने मीडिया पूर्वाग्रह (मीडिया बायस) पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने मीडिया पूर्वाग्रह के नौ सी कवरेज, कंटेंट, कॉन्टेक्स्ट, स्पष्टता, सुसंगतता, विश्वसनीयता, चॉइसेज, परिणाम, नियंत्रण के बारे में भी जानकारी दी। साथ ही उन्होंने पत्रकारिता के क्षेत्र में नवागंतुक पत्रकारों और छात्रों को यह सलाह दी कि वे हमेशा परिणामों की त्वरित अपेक्षा न करें, क्योंकि पत्रकारिता एक जटिल प्रक्रिया है जिसमें समय और परिश्रम की आवश्यकता होती है। वहीं मीडिया सेंसरशिप के मुद्दे पर भी गंभीरता से चर्चा की, यह बताते हुए कि सेंसरशिप न केवल पत्रकारिता की स्वतंत्रता को बाधित करती है, बल्कि यह समाज के समक्ष वास्तविकता को प्रस्तुत करने में भी रुकावट डालती है। इस सत्र में उपस्थित छात्रों और पत्रकारों को इन मुद्दों पर गहराई से सोचने और अपनी जिम्मेदारियों को समझने के लिए प्रेरित किया गया, जिससे वे एक सक्षम और संवेदनशील पत्रकार बन सकें।

दोनों सत्रों में प्रतिभागियों के लिए प्रश्न-उत्तर सत्र भी आयोजित किए गए। विश्वविद्यालय के डायरेक्टर जनरल, डॉ. बी. सी. जैन ने वेबिनार की सफलता के लिए शुभकामनाएं दीं। विश्वविद्यालय के कुलपति, डॉ. टी. रामाराव ने कहा, “पत्रकारिता और समकालीन मुद्दों” विषय पर विश्वविद्यालय के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग और प्रेस क्लब रायपुर के तत्वावधान में आयोजित इस राष्ट्रीय वेबिनार से सार्थक संवाद स्थापित होगा जो पत्रकारिता और इस क्षेत्र में प्रवेश करने वाले छात्रों की समझ में सहायता प्रदान करेगा।

वेबिनार के संयोजक व पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के सहायक प्राध्यापक, विनोद सावंत ने बताया कि तीन दिन तक चलने वाले इस बेवीनार में शुक्रवार को दो तकनीकी सत्रों में “समाचार में गलत जानकारी और भ्रामक सूचना” तथा “पत्रकारिता का भविष्य: एआई और मीडिया” विषयों पर विशेषज्ञों द्वारा व्याख्यान दिया जाएगा।

ऑर्गनाइज़र सेक्रेटरी व पत्रकारिता एवं जनसंचार विभागाध्यक्ष, डॉ. राहुल तिवारी ने कहा, हमारे विभाग का प्रयास है कि हम पत्रकारिता के नवांकुर छात्रों को पत्रकारिता के सिद्धांतों के साथ ही ‘पत्रकारिता और समकालीन मुद्दों’ पर गहन विश्लेषण क्षमता प्रदान कर सकें, जिसके लिए हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं।

वेबिनार का संचालन पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के सहायक प्राध्यापिका साक्षी गुप्ता द्वारा किया गया। इस मौके पर कला एवं मानविकी संकायाध्यक्ष डॉ. रूपाली चौधरी, फिल्म मेकिंग विभाग के डायरेक्टर एवं प्रोफेसर भगावन तिवारी, शिक्षकगण, विभाग के छात्रों के साथ ही देश के 60 से अधिक प्रतिभागियों ने ऑनलाइन भाग लिया।

Show More

Related Articles

Back to top button
Everything you didn’t know about los angeles How to get safari’s privacy feature in chrome
Everything you didn’t know about los angeles How to get safari’s privacy feature in chrome The Venice Simplon Orient Express Honcymooning in italy