ये हैं देश के सबसे सुंदर गांव, हर साल आते हैं हजारों सैलानी

भोपाल। केंद्र सरकार ने अंतरराष्ट्रीय पर्यटन दिवस के अवसर पर मध्य प्रदेश के तीन गांवों को अलग-अलग श्रेणियों में सर्वश्रेष्ठ पर्यटन गांव का खिताब दिया। प्राणपुर को क्राफ्ट श्रेणी में, जबकि सवारवानी और लाडपुरा को जिम्मेदार पर्यटन श्रेणी में पुरस्कार मिला। ये गांव भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय द्वारा आयोजित सर्वश्रेष्ठ पर्यटन गांव प्रतियोगिता साल 2024 में विजेता बने। प्राणपुर चंदेरी में स्थित है, जबकि लाडपुरा खास निवाड़ी में है और सवारवानी छिंदवाड़ा जिले में है।
ग्रामीण क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए साल 2023 में सर्वश्रेष्ठ पर्यटन गांवों के लिए प्रतियोगिता शुरू की गई थी। इसका उद्देश्य उन गांवों की पहचान करना और उन्हें मान्यता देना है जो सभी पहलुओं में स्थिरता बनाए रखने की प्रतिबद्धता के साथ सामुदायिक सहभागिता के माध्यम से सांस्कृतिक और प्राकृतिक विरासत को संरक्षित और उसे बढ़ावा देते हैं। सर्वश्रेष्ठ पर्यटन गांव प्रतियोगिता के दूसरे संस्करण में 30 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से कुल 991 आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें से 8 श्रेणियों में 36 गांवों को विजेता घोषित किया गया।
छिंदवाड़ा के तामिया विकासखंड के अन्तर्ग्रत 6 किलोमीटर की दूरी पर स्थित सावरवानी गांव साल 2019 से पर्यटन गांव बन गया है, जिसमें करीब 300 घर हैं। इस गांव की संस्कृति और जातीय भोजन का अनुभव करने के लिए 300 से अधिक अंतरराष्ट्रीय पर्यटक यहां आ चुके हैं। पर्यटकों ने कृषि और पशुपालन गतिविधियों में भी सक्रिय रूप से भाग लिया है। पर्यटकों में दक्षिण अफ्रीका, फ्रांस, यूरोप, रूस, कनाडा और यूनाइटेड किंगडम के नागरिक शामिल हैं।
सावरवानी में एक आदर्श गांव से अपेक्षित सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध हैं, जिसमें स्वच्छता पर विशेष ध्यान दिया जाता है। शांति और प्राकृतिक परिवेश पर्यटकों को आकर्षित करता है। आगंतुक चावलपानी के पास अनहोनी हॉट स्प्रिंग, अनहोनी मेला, सप्तधारा और खारा वाटर डिवाइन पूल जैसे आस-पास के प्राकृतिक आकर्षणों के साथ-साथ घोघरा झरना, तामिया, पातालकोट और झिगरिया झरना के साथ मौनी बाबा की पहाड़ियों की खोज करते हुए शांत वातावरण का आनंद ले सकते हैं। सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान का बफर जोन गांव से सटा हुआ है।
पर्यटक नाश्ते, दोपहर के भोजन और रात के खाने के लिए पूरे पैकेज का आनंद ले सकते हैं। इसके अलावा, बैलगाड़ी की सवारी, गायों का दूध निकालना, उन्हें खिलाना, छोटे-मोटे कृषि कार्यों में भाग लेना और पास के मोनाखेड़ी पहाड़ी पर ट्रैकिंग करना, भक्ति संगीत समूहों और आदिवासी कर्मा नृत्य मंडलियों की उपलब्धता जैसे अनुभव सावरवाणी में ठहरने को यादगार बनाते हैं, जो स्थायी छाप छोड़ते हैं।
चंदेरी के सुरम्य इलाके से करीब चार किलोमीटर दूर स्थित प्राणपुर गांव अपने 243 घरों के लिए खास है, जहां बुनाई का काम सालों से चल रहा है। गांव के लोग दो-तीन पीढ़ियों से हथकरघा का इस्तेमाल करते आ रहे हैं। गांव में पचास से ज्यादा कारीगर बांस, लकड़ी, पत्थर, आभूषण और मिट्टी के शिल्प से काम करते हैं, जिससे यह पर्यटकों के लिए खास आकर्षण का केंद्र बन जाता है।
गांव की ओर जाने वाली सड़क की मरम्मत स्थानीय रूप से उपलब्ध पत्थरों का उपयोग करके की गई है। पर्यटक गांव के भीतर एक निर्दिष्ट स्थान पर गाड़ी चलाकर जा सकते हैं और पैदल ही खूबसूरत जगहों का पता लगा सकते हैं। आगंतुकों के लिए एक पार्किंग क्षेत्र भी विकसित किया गया है। पर्यटकों के लिए विशेष रूप से “हैंडलूम कैफे” नामक एक कैफे बनाया गया है।
पर्यटकों की सुविधा और मनोरंजन के लिए एक उद्यान विकसित किया गया है, जिसमें एक एम्फीथिएटर का निर्माण भी शामिल है। स्थानीय सांस्कृतिक दल समय-समय पर आगंतुकों के मनोरंजन के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करते हैं। ऐसे में इन गांवो की खूबसूरती, प्राकृतिक सुंदरता और संस्कृति को देखने देश ही नहीं बल्कि विदेशों से भी सैलानी बड़ी संख्या में पहुँच रहे हैं। वही ग्रामीण इन गाँवों को और भी खबसूरत और आकृषक बनाने के लिए जी तोड़ मेहनत कर रहे हैं।





