भोपाल में प्रॉपर्टी की कीमतों में वृद्धि पर फिलहाल रोक, होगी प्रस्ताव की समीक्षा
भोपाल। शहर में प्रॉपर्टी की कीमतों में वृद्धि पर फिलहाल रोक लगा दी गई है। अब प्रस्ताव की सरकार समीक्षा करेगी और जनता के हित को ध्यान में रखते हुए निर्णय लेगी। दरअसल पंजीयन विभाग ने जिले के 243 स्थानों पर अचल संपत्तियों की कीमतों में पांच से 200 प्रतिशत तक वृद्धि का प्रस्ताव तैयार किया था। जिसका विरोध पहले दिन से शुरू हो गया था।
क्रेडाई द्वारा आपत्ति दर्ज कराने के बाद सांसद आलोक शर्मा ने बुधवार को प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री एवं वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा से मुलाकात की। सांसद ने वित्त मंत्री को कलेक्टर गाइडलाइन के प्रस्ताव पर जनप्रतिनिधियों के साथ चर्चा करने संबंधी पत्र सौंपा। वित्त मंत्री ने आश्वासन दिया है कि प्रस्ताव पर दोबारा से चर्चा की जाएगी और सभी की सहमति से अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
पहले से जमीनें महंगी, फिर भी वृद्धि करना गलत
सांसद आलोक शर्मा ने वित्त मंत्री को दिए पत्र में बताया कि 243 स्थान पर जमीनों की कीमतों में पांच से 200 प्रतिशत वृद्धि का प्रस्ताव जनहित में उचित नहीं है। इस प्रस्ताव की समीक्षा किया जाना आवश्यक है। जनता के हितों को ध्यान में रखते हुए प्रस्तावित कीमतों में वृद्धि को अंतिम रूप देने से पहले सांसद, विधायक, महापौर सहित अन्य सभी जनप्रतिनिधियों से चर्चा की जानी चाहिए।
लगातार कीमतों में वृद्धि की वजह से आमजन रजिस्ट्री नहीं करवा पा रहे हैं, स्टांप शुल्क नहीं दे पा रहे हैं। साथ ही यह मांग भी की गई कि जब जमीनों की कीमतें देश में और प्रदेश के अन्य जिलों में नहीं बढ़ीं हैं तो फिर भोपाल में क्यों बढ़ाई जा रही हैं।
विधायक ने पहले दिन ही जताई थी आपत्ति
कलेक्टर गाइडलाइन का प्रस्ताव जब जिला मूल्यांकन समिति में रखा गया था, तब विधायक एवं समिति के सदस्य भगवानदास सबनानी ने साल में दूसरी बार प्रॉपर्टी की दरों में वृद्धि पर विरोध जताया था। इस पर अधिकारियों ने 13 स्थान कम कर दिए थे। इसके बाद 230 स्थानों पर जमीनों की वृद्धि का प्रस्ताव बुधवार को जिला मूल्यांकन बोर्ड को भेजा गया था, लेकिन क्रेडाई, सांसद सहित अन्य जनप्रतिनिधि और संगठनों ने इसका विरोध शुरू कर दिया है। ऐसे में अब वृद्धि को रोक दिया गया है।
क्रेडाई का तर्क, वृद्धि का पड़ेगा गलत प्रभाव
जिले में जमीनों की कीमतों में वृद्धि करने से रीयल एस्टेट उद्योग, आम जनता और प्रधानमंत्री के ‘हाउसिंग फार आल’ मिशन के लक्ष्य पर गलत प्रभाव पड़ेगा। यह बात क्रेडाई (कंफेडरेशन ऑफ रियल एस्टेट डेवलपर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया) के अध्यक्ष मनोज मीक ने कही।
उन्होंने बताया कि पिछले दशक में इंदौर के मुकाबले भोपाल में जमीनों की कीमतों में कई गुना वृद्धि की जा चुकी है। इससे संपत्ति बाजार अस्थिर हो गया है। इसका परिणाम यह हुआ कि भोपाल में निवेश में कमी आई है और संपत्तियों की कीमतें इतनी बढ़ गई हैं कि निम्न और मध्यम वर्ग के लोगों के लिए घर खरीदना एक बड़ी चुनौती बन गया है। कीमतों के बढ़ाने से संपत्ति कर में सीधी वृद्धि होती है।
इन स्थानों पर जमीनों की कीमतें बढ़ाना प्रस्तावित
दूसरी बार के प्रस्ताव में मिसरोद, गुलमोहर, नर्मदापुरम रोड, पुलिस हाउसिंग सोसायटी, संत हिरदाराम नगर के पास, मिनाल रेसीडेंसी, वैशाली, बड़वाई, करोंद, कटारा हिल्स, रातीबड़, बिशनखेड़ी, दामखेड़ा, मेंडोरी, सलैयार कोकता बायपास, बगरोदा औद्योगकि क्षेत्र, भानपुर, कोलार, टीटीनगर, नेहरू नगर, कोटरा , अरेरा कालोनी, सिंधी कालोनी, डीआइजी बंगला, नारियलखेड़ा, कोहेफिजा, ईदगाह हिल्स अशोका गार्डन, अवधपुरी और आसपास के गांव सहित कई स्थानों पर वृद्धि प्रस्तावित की गई।
केंद्रीय मूल्यांकन बोर्ड ने वापस भेजा प्रस्ताव
सांसद, विधायक और क्रेडाई सहित अन्य जनप्रतिनिधियों की आपत्ति के बाद कलेक्टर गाइडलाइन के प्रस्ताव को केंद्रीय मूल्यांकन बोर्ड ने वापस जिला मूल्यांकन समिति को भेज दिया है। अब इस पर जल्द ही शहर के सभी विधायकों, महापौर, सांसद के साथ चर्चा की जाएगी। इसके बाद ही जमीन की कीमतों में वृद्धि करने का निर्णय लिया जाएगा।