छत्तीसगढ

डॉक्टरों के निजी प्रैक्टिस पर रोक के आदेश का नहीं हो रहा कड़ाई से पालन, जानिए हकीकत

प्रदेश में सरकारी चिकित्सकों के निजी अस्पतालों में प्रैक्टिस करने पर रोक है। कार्यावधि में निजी प्रैक्टिस करने पर कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई है। स्वास्थ्य विभाग ने इस संबंध में आदेश भी जारी किया है, लेकिन कड़ाई से पालन नही हो रहा है। प्रदेश के शासकीय अस्पतालों में पदस्थ कई डाक्टर ऐसे हैं, जो अपने दोस्त या रिश्तेदारों के क्लीनिक जाकर प्रैक्टिस कर रहे हैं। इनमें से कुछ ने न तो शपथ पत्र दिया है और न ही निजी प्रैक्टिस की अनुमति ली है। कुछ डाक्टरों के तो खुद के बड़े अस्पताल हैं। राजधानी के ही बड़े निजी अस्पतालों में लगे बोर्ड पर सरकारी डाक्टरों के नाम सहज ही देखे जा सकते हैं। स्वास्थ्य विभाग के विशेष सचिव चंदन कुमार ने प्रदेश के सभी मुख्य चिकित्सा एंव स्वास्थ्य अधिकारियों को आदेश जारी कर निजी प्रैक्टिस पर प्रतिबंध के संबंध में कड़ाई से पालन करने के निर्देश दिए थे। विशेष सचिव ने आदेश में कहा था कि लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के चिकित्सकों को निजी प्रैक्टिस करने की छूट रहेगी, परंतु निजी प्रैक्टिस केवल कर्तव्य की अवधि के बाहर की जा सकेगी। नर्सिंग होम या निजी क्लीनिक में जाकर प्रैक्टिस करने की अनुमति नहीं होगी। सरकारी अस्पतालों के डाक्टरों पर निजी अस्पतालों में जाकर आपरेशन और रोगी देखने पर पहले भी रोक लगी हुई थी। लेकिन, डाक्टरों की आदत नहीं छूट पा रही थी इसलिए लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने फिर से आदेश जारी करना पड़ा।

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