हाईकोर्ट ने खारिज की पत्नी के वर्जिनिटी टेस्ट की मांग, बताया असंवैधानिक

बिलासपुर

बिलासपुर हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक फैसले में पति द्वारा पत्नी के वर्जिनिटी टेस्ट की मांग को असंवैधानिक करार देते हुए याचिका खारिज कर दी। कोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि इस तरह की मांग न केवल महिलाओं की गरिमा और मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करती है, बल्कि यह संविधान के अनुच्छेद 21 के खिलाफ भी है, जो जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता की सुरक्षा प्रदान करता है।

यह मामला रायगढ़ का है, जहां एक महिला ने अपने पति से 20 हजार रुपये प्रतिमाह अंतरिम भरण-पोषण की मांग की थी। दोनों की शादी अप्रैल 2023 में हुई थी, लेकिन कुछ समय बाद रिश्तों में तनाव आ गया। पत्नी ने पति पर नपुंसकता का आरोप लगाया, जबकि पति ने पत्नी पर अवैध संबंध होने का आरोप लगाते हुए वर्जिनिटी टेस्ट की मांग की।

इस याचिका को पहले ही फैमिली कोर्ट ने खारिज कर दिया था, जिसके खिलाफ पति ने हाईकोर्ट में अपील की। हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति अरविंद कुमार वर्मा की बेंच ने इस मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि पत्नी पर इस प्रकार के आरोप थोपना पूरी तरह से अवैध है। अदालत ने यह भी कहा कि यदि पति खुद पर लगे आरोपों को गलत साबित करना चाहता है, तो वह अपना मेडिकल परीक्षण करवा सकता है, न कि पत्नी पर ऐसे अवैध और असंवैधानिक आरोप लगाने चाहिए।

इस फैसले ने न केवल कानूनी दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण दृष्टिकोण पेश किया, बल्कि महिलाओं के अधिकारों और गरिमा की रक्षा की दिशा में भी एक अहम कदम उठाया है।

Show More
Follow Us on Our Social Media
Back to top button
जानिए! मुसलमानों द्वारा ईद मनाने के 5 महत्वपूर्ण कारण… जानिए! जुमे की नमाज़ के 5 महत्वपूर्ण सन्देश रमज़ान महीने में
जानिए! मुसलमानों द्वारा ईद मनाने के 5 महत्वपूर्ण कारण… जानिए! जुमे की नमाज़ के 5 महत्वपूर्ण सन्देश रमज़ान महीने में