गर्भवती दुष्कर्म पीड़िता की फरियाद पर शाम 6 बजे फिर खुली हाईकोर्ट…
बिलासपुर। गर्भवती दुष्कर्म पीड़िता की याचिका पर सुनवाई करने के लिए शाम छह बजे दोबारा हाई कोर्ट खुला। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा के निर्देश पर रजिस्ट्रार जनरल ने स्पेशल बेंच का गठन किया। नियमानुसार स्पेशल बेंच में सुनवाई के लिए अर्जेंट हियरिंग के मामले के लिए काजलिस्ट जारी किया गया।
शाम छह बजे से स्पेशल बेंच में मामले की सुनवाई हुई। दुष्कर्म पीड़िता ने 27 हफ्ते के गर्भ को गिराने की गुहार लगाई। पीड़िता के शारीरिक व मानसिक दिक्कतों को कोर्ट ने गंभीरता के साथ सुना और मेडिकल बोर्ड से जांच रिपोर्ट मांगी। इस मामले की दोबारा सुनवाई आज सोमवार को होगी।
अर्जेंट हियरिंग के तहत सुनवाई की गुहार
हाई कोर्ट की संवेदनशीलता समय-समय पर प्रदेशवासियों के सामने आती ही रहती है। कुछ इसी तरह का मामला दो दिन पहले छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा के सामने आया। दुष्कर्म पीड़िता ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से अर्जेंट हियरिंग के तहत सुनवाई की गुहार लगाई।
मामले की गंभीरता को देखते हुए चीफ जस्टिस ने रजिस्ट्रार जनरल को स्पेशल बेंच का गठन करने और अर्जेंट हियरिंग के तहत प्रकरण की सुनवाई की व्यवस्था करने का निर्देश जारी किया। काजलिस्ट जारी होते ही स्पेशल बेंच बैठी और सुनवाई प्रारंभ की गई।
याचिकाकर्ता पीड़िता के अधिवक्ता ने स्पेशल बेंच को बताया कि दुष्कर्म की घटना के बाद पीड़िता को गर्भ ठहर गया है। उसे 27 सप्ताह का गर्भ है। उसके पेट में बच्चा पल रहा है। वह इस अनचाहे गर्भ से छुटकारा पाना चाहती है। पीड़िता की ओर से अधिवक्ता ने अनचाहे गर्भ को गिराने (गर्भपात) की अनुमति मांगी है।
मेडिकल बोर्ड करेगा जांच
दुष्कर्म पीड़िता की मांग, उनकी शारीरिक और मानसिक स्थिति को देखते हुए स्पेशल बेंच ने मेडिकल बोर्ड से पीड़िता के शारीरिक व मानसिक स्थिति की जांच करने और यह बताने को कहा है कि गर्भ गिराने की स्थिति में पीड़िता को कोई जोखिम तो नहीं होगा। स्पेशल बेंच ने विस्तृत रिपोर्ट सोमवार को पेश करने का निर्देश दिए हैं।