सुप्रीम कोर्ट का आदेश, EVM का डाटा न हटाने की कही बात

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को केंद्रीय चुनाव आयोग से नाराजगी जताते हुए 2 हफ्ते के भीतर जवाब दाखिल करने को कहा है. कोर्ट में दायर याचिका में ईवीएम की मेमोरी का हिसाब किताब और डेटा के सत्यापन को उसकी मानक संचालन प्रक्रियाओं की जानकारी मांगी गई है. ईवीएम के वेरिफिकेशन से जुड़ी एक याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी की है. एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स की इस याचिका में मांग की गई है कि सुप्रीम कोर्ट चुनाव आयोग को ईवीएम की बर्न्ट मेमोरी की जांच के लिए स्पष्ट प्रोटोकॉल बनाने के लिए कहे.

भारत के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना ने चुनाव आयोग को कहा, ‘हम इसे 15 दिनों के बाद रखेंगे. कृपया तब तक अपना जवाब दाखिल करें. कृपया डेटा मिटाएं नहीं, जिसे जांच करनी है करने दें.’ इस काम के लिए दो हफ्तों की मियाद दी है, उसके बाद सुनवाई होगी.’

शीर्ष अदालत चुनाव निगरानी संस्था एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स की याचिका पर सुनवाई कर रही थी. इस दौरान कोर्ट ने कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा, ‘डेटा मिटाएं नहीं और न ही उसमें नया डाटा लोड करें’.

सुप्रीम कोर्ट में दायर इस याच‍िका में ईवीएम को लेकर सवाल उठाए गए हैं. अर्जी में यह दावा किया गया है कि मतणगना के बाद ईवीएम का डेटा हटा द‍िया जाता है, जबकि ऐसा नहीं होना चाहिए. इसे बचाकर रखा जाना चाहिए, ताकि जब कभी भी जरूरत हो तो इसका इस्‍तेमाल किया जा सके. वहीं शीर्ष अदालत ने चुनाव आयोग से चुनाव संपन्न होने के बाद ईवीएम मेमोरी और माइक्रोकंट्रोलर को जलाने की प्रक्रिया के बारे में भी जानकारी मांगी है.

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