काली माता का ऐसा मंदिर जहां चढ़ता है चाईनीज़ फूड का भोग, जानिए कहां है ये मंदिर….

कोलकाता: इस साल चैत्र नवरात्री की शुरुआत 30 मार्च से हो रही है। नवरात्री के इस पवन पर्व पर हम आपको एक ऐसे काली मंदिर के बारे में बताने जा रहें है, जहां देवी को मिठाई, लड्डू और खीर जैसे पकवान की जगह चायनीज फ़ूड का भोग लगाया जाता है। जी हां पश्चिम बंगाल के कोलकाता के टेंगरा इलाके में काली माता का ये मंदिर स्थित है। ये मंदिर “चायनीज काली माता” मंदिर के नाम से भी प्रसिद्ध है। इस चायनीज काली माता मंदिर में देवी को नूडल्स और मोमोज भोग के रूप में चढ़ाया जाता है। साथ ही भक्तों को भी प्रसाद के रूप में मिठाई की जगह चायनीज फ़ूड दिया जाता है।

इसी मंदिर के कारण इस इलाके को चाइना टाउन भी कहा जाता है। तो आइए हम इस मंदिर से जुडी कुछ महत्वपूर्ण बातें आपको बताते हैं। काली माता का ये मंदिर पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता के टेंगरा नामक जगह पर स्थित है। ऐसा कहा जाता है कि चीन गृहयुद्ध के दौरान यहां चीन के कई लोग शरणार्थी बनकर रहने लगे और उन्होंने ने चीन की प्रथा के समान, इस मंदिर में काली माता को नूडल्स चढ़ाना शुरू कर दिया। इसके बाद ये प्रथा भोग के रूप में विकसित हो गई। जिसके बाद से चाइनीज फ़ूड को आज भी प्रसाद के रूप में बांटा जाता है। वही प्रसाद के रूप में नूडल्स बांटने की ये अनोखी परंपरा अब काली मंदिर का एक प्रिय हिस्सा बन गई है।

ऐसा कहा जाता है कि सालो पहले इस कस्बे में एक चायनीज परिवार में एक बच्चे की तबियत बिगड़ गई थी। कई जगह इलाज कराने के बाद भी बच्चा ठीक नहीं हुआ। जिसके बाद बच्चे को काली माता की शरण में लाया गया। यहां आते ही बच्चे की तबियत पूरी तरह से ठीक हो गई। जिसके बाद से चायनीज समुदाय के लोगों ने इस मंदिर का जीर्णोद्धार कराया और यहां पूजा करने लगे। देखते ही देखते चायनीज लोगों ने इस मंदिर पर अपना कब्ज़ा जमा लिया। जिसके बाद से इस मंदिर को चायनीज काली माता का मंदिर कहा जाने लगा और यहां पुरे विधि-विधान से देवी की पूजा होने लगी।

बताया जाता है कि जिस समय चीन में युद्ध छिड़ा था, उस समय कई चीनी शरणार्थी कोलकाता में आकर बस गए थे। चीनी अपने साथ अपनी संस्कृति और परंपरा  लेकर आए। जिनमे देवी-देवताओं को विशेष भोग चढ़ाने की भी परंपरा शामिल थी। चाइनीज काली माता मंदिर में शरणार्थियों ने देवी को नूडल्स चढ़ाना शुरू कर दिया। जिसने धीरे-धीरे प्रसाद के तौर पर जगह बना ली। अब इस मंदिर में प्रसाद के रूप में नूडल्स के साथ मोमोज और कई तरह के चायनीज पकवान परोसे जाते हैं, जिसे लोग काली माता का आशीर्वाद मानकर ग्रहण करते हैं।

चायनीज काली माता के अलावा भारत देश में और भी कई ऐसे प्राचीन मंदिर हैं, जहां की मान्यता, संस्कृति और रीती-रिवाज और भी चौंकाने वाले हैं। अलग-अलग मंदिरों की अलग-अलग मान्यता होती है, जिसके आधार पर भक्त पूजा-पाठ करते है और देवी-देवताओं को उसी मान्यता के अनुसार भोग चढ़ाते है। जैसे की चाइनीज काली माता मंदिर में देवी को नूडल्स और मोमोज का पकवान चढ़ाया जाता है।

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