साउंड थेरेपी, कैसे तनाव करती है कम, जानें?

आज के दौर में जब हम भागदौड़ भरी ज़िंदगी, ऑफिस की डेडलाइंस, रिश्तों के दबाव और मानसिक थकावट से जूझ रहे होते हैं,तो अक्सर हम कहते हैं – बस, अब कुछ शांति चाहिए! और यही शांति हम पाते हैं – ध्वनि की शक्ति में।
आपने भी महसूस किया होगा –जब आप थके हुए होते हैं, तो एक पसंदीदा गाना भी आपके दिल को सुकून दे जाता है।
क्यों?क्योंकि ध्वनि सिर्फ कानों से नहीं, दिल से भी महसूस होती है।
क्या है साउंड थेरेपी?
साउंड थेरेपी कोई नई खोज नहीं है, बल्कि एक प्राचीन विद्या है, जो सदियों से हमारे ऋषियों, तांत्रिकों और हीलर्स द्वारा अपनाई जाती रही है।
ध्वनि चिकित्सा का एक समृद्ध इतिहास है। प्राचीन यूनानियों ने तनाव को कम करने, नींद में सहायता करने और भावनात्मक संतुलन को बढ़ावा देने के लिए संगीत का उपयोग किया। कहा जाता है कि प्रसिद्ध दार्शनिक पाइथागोरस ने संगीत को दवा के रूप में निर्धारित किया था।
प्राचीन समय में ध्वनि का उपयोग सिर्फ मनोरंजन के लिए नहीं, बल्कि प्राकृतिक ऊर्जा को संतुलित करने के लिए किया जाता था।
यहां तक कि ऐसा भी माना जाता है कि ध्वनि की विशेष तरंगों से बारिश तक कराई जाती थी।
आज, विज्ञान भी मानता है कि साउंड वेव्स यानी ध्वनि की तरंगें हमारे शरीर की कोशिकाओं, हमारे चक्रों और मानसिक स्थिति को प्रभावित करती हैं।
साउंड थेरेपी कैसे काम करती है?
इस थेरेपी में उपयोग किए जाते हैं: तिब्बती सिंगिंग बाउल्स – जो जब बजते हैं, तो उससे निकलने वाली वाइब्रेशन हमारे शरीर में गहराई तक प्रवेश करती है और ब्लॉकेज को दूर करती है।
गोंग, ढोल, और विशेष मंत्र – जैसे कि नवर्ण मंत्र, जिनकी लयबद्ध ध्वनि से हमारा मन केंद्रित होता है।
हमारी अपनी आवाज़ – जैसे जप, गायन, टोनिंग या सिर्फ खुल कर हँसना भी – ये भी हीलिंग का हिस्सा होते हैं।
कहां होता है फायदा?
ये थेरेपी खासतौर पर मदद करती है:तनाव और चिंता को कम करने में सिरदर्द, माइग्रेन, और डिप्रेशन से राहत देने में
पीरियड्स में अनियमितता, पाचन समस्या, कमर दर्द, और अनिद्रा जैसी समस्याओं में, और यहां तक कि – ब्लड प्रेशर कम करने में भी!
हॉन्ग कॉन्ग में हुए एक अंतरराष्ट्रीय अध्ययन के अनुसार –जिन वृद्ध लोगों ने एक महीने तक रोज़ाना 25 मिनट सूदिंग म्यूज़िक सुना,
उनका सिस्टोलिक ब्लड प्रेशर 12 पॉइंट तक घट गया, सिस्टोलिक ब्लड प्रेशर आपके रक्तचाप की रीडिंग में सबसे ऊपरी संख्या होती है। यह हृदय के संकुचन के दौरान धमनियों में दबाव को मापता है जब हृदय रक्त को धमनियों में धकेलता है
इसी के साथ डायस्टोलिक प्रेशर में भी 5 पॉइंट की गिरावट देखी गई। वहीं नियंत्रण समूह, जिन्होंने साउंड थेरेपी नहीं ली – उनमें कोई बदलाव नहीं आया।
क्या आप जानते हैं?
साउंड हीलिंग सिर्फ इंस्ट्रूमेंट्स से नहीं होती – आपका मोबाइल भी एक माध्यम बन सकता है।
रोज़ाना 528 मेगाहर्ट्ज़ की फ्रीक्वेंसी वाला संगीत सुनना –आपके सेल्स को रीजनरेट करने, मूड को ठीक करने और मानसिक स्वास्थ्य को संतुलित करने में मदद करता है।
क्यों अपनाएं साउंड थेरेपी?
क्योंकि यह न तो किसी दवा पर निर्भर है,न ही इसके कोई साइड इफेक्ट्स हैं,
यह एक प्राकृतिक, सुरक्षित और आत्मीय उपाय है – जो शरीर, मन और आत्मा – तीनों को संतुलित करता है।





