सौरभ शर्मा की डायरी में 100 करोड़ रुपये का राज, अधिकारियों और नेताओं में किया गया बंदरबांट
भोपाल। भोपाल के मेंडोरी गांव में एक कार में 54 किलो सोना और नौ करोड़ 86 रुपये नकदी मिलने के बाद अब एक और बड़ा राजफाश हुआ है। आयकर विभाग द्वारा जब्त की गई इस कार में एक डायरी और कुछ दस्तावेज मिले हैं। इसमें प्रदेश के कई क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी (आरटीओ) सहित विभिन्न परिवहन विभाग के अधिकारियों और कुछ नेताओं के नाम हैं।
इसे आयकर विभाग परिवहन विभाग में आरक्षक रहे सौरभ शर्मा के काले-कारोबार के हिसाब-किताब से जोड़कर जांच कर रहा है। फिलहाल इस डायरी के आधार पर अनुमान लगाया जा रहा है कि सौरभ ने पिछले एक वर्ष में लगभग सौ करोड़ रुपये इधर से उधर किए हैं। इन्हीं में से नौ करोड़ 86 लाख रुपये पकड़े गए हैं।
नेताओं में बंटरबांट
इन सौ करोड़ रुपये में अधिकतर राशि अवैध लेनदेन या रिश्वत की बताई जा रही है। इसकी बंटरबांट अधिकारियों और नेताओं को हुई। यही वजह है कि सौरभ का काली कमाई का धंधा फलता-फूलता रहा। आयकर विभाग को यह दस्तावेज मिलने के बाद परिवहन अधिकारी और नेता भी रडार में आ गए हैं।
अवैध लेन-देन के संबंध में कई बड़ी जानकारियां
पहले ही आंशका जताई जा रही थी कि कार में जो सोना और पैसा मिला है, वह परिवहन विभाग की काली कमाई का हो सकता है। कार में मिले 54 किलो सोने के बिस्किट पर जांच एजेंसियों का यह संदेह भी बढ़ गया है कि कहीं यह सोना तस्करी के जरिये तो नहीं लाया गया है।
आयकर विभाग के अधिकारियों ने इस संबंध में कार मालिक चेतन गौर से दो दिन तक पूछताछ की है। बताया जा रहा है कि चेतन ने अवैध लेन-देन के संबंध में कई बड़ी जानकारियां आयकर अधिकारियों को दी है।
सौरभ के आरक्षक से करोड़पति बनने की कहानी
सौरभ शर्मा को 2016 में परिवहन विभाग में आरक्षक के पद पर अनुकंपा नियुक्ति मिली। यहीं से उस पर नेताओं और अधिकारियों की कृपा बरसने लगी। वह परिवहन विभाग का लाड़ला हो गया था। परिवहन आयुक्त कार्यालय ग्वालियर में लगभग एक वर्ष कार्यरत रहने के बाद सौरभ ने पदस्थापना चेकपोस्ट पर करा ली। यहां वह लगभग तीन वर्ष रहा।