धार्मिक आयोजन: दश विधि स्नान से शुरू हुआ भगवान श्रीराम जानकी विवाह महोत्सव..
मंडलेश्वर। अयोध्या, ओरछा एवं मिथिला की शृंखला में नगर का नाम भी जुड़ा हुआ है। मध्यप्रदेश के अयोध्या के नाम से जाना जाने वाले नगर के सबसे प्राचीन पेशवाकालीन जूना श्रीराम मंदिर में भगवान श्रीराम जानकी विवाह महोत्सव की शुरुआत सोमवार से हुई।
गुरुवार को पंकज मेहता एवं सुनील जोशी के आचार्यत्व में संगीता आशीष दुबे में भगवान श्रीराम एवं जानकी के विग्रहों का दश विधि स्नान स्थानीय नर्मदा घाट पर विधि-विधान से संपन्न कराया।
केवट समाज से अध्यक्ष गोपाल केवट, राजा केवट, खुशियाल केवट, राधेश्याम केवट सहित समाजजन ने युगल की आरती की। स्नान के उपरांत दोनों विग्रहों का शृंगार कर दीपक पाटीदार के निवास पर बाना जीमने के लिए ले जाया गया। जहां विग्रहों ने रात्रि विश्राम भी किया।
- मंगलवार से भगवान के विवाह महोत्सव के अन्य रीति–रिवाजों की शुरुआत होगी।
- बुधवार को माता पूजन, गणेश पूजन एवं मेहंदी की रस्म की संपन्न की जाएगी।
- गुरुवार को मंडप प्रतिष्ठा के साथ महिला संगीत का आयोजन होगा।
- शुक्रवार को सूर्यवंशी राजपूत समाज की अगुवाई में भगवान श्रीराम की बरात राजपूत समाज धर्मशाला से निकाली जाएगी।
- शुक्रवार को विवाह पंचमी के अवसर पर दोपहर दीवा घड़ी में भगवान श्रीराम जानकी का विवाह महोत्सव संपन्न होगा।
क्या है दशविधि स्नान
पंकज मेहता ने जानकारी देते हुए बताया कि दशविधि स्नान किसी भी वैवाहिक आयोजन की शुरुआती कड़ी है। इस विधि में भगवान के विग्रहों को जल, पंचामृत, पंचगव्य, हल्दी, दूर्वा, सरसों, गोमूत्र, शहद, चंदन, फल का रस एवं इत्र से अलग-अलग मंत्रोच्चार के साथ स्नान करवाया जाता है। उक्त सभी द्रव्यों के स्नान को औषधि स्नान भी कहा जाता है।