ग्रैंड न्यूज़ की पहल से मिली राहत, दिव्यांग युवक को मिली ट्राई साइकिल

दुर्ग जिले के एक दिव्यांग युवक को आखिरकार ट्राई साइकिल मिल ही गई, लेकिन यह आसान नहीं था। 80 प्रतिशत दिव्यांगता होने के बावजूद उसे चार बार कलेक्टर कार्यालय का चक्कर लगाना पड़ा। इसके बाद भी समाज कल्याण विभाग और जिला पुनर्वास केंद्र ने कोई मदद नहीं की। नतीजतन, युवक को मानसिक तकलीफ झेलनी पड़ी।

जब सिस्टम ने उसकी बात नहीं सुनी, तब ग्रैंड न्यूज़ ने उसकी पीड़ा को आवाज दी। मीडिया की इस पहल से प्रशासन हरकत में आया और अंततः युवक को ट्राई साइकिल उपलब्ध कराई गई।

यह मामला एक बार फिर यह दिखाता है कि सरकारी योजनाएं सिर्फ कागजों तक सीमित हैं। जब एक ज़रूरतमंद को बार-बार गुहार लगाने के बाद भी मदद न मिले, तो सवाल उठना लाज़मी है – क्या सच में सिस्टम संवेदनशील है?

ग्रैंड न्यूज़ की रिपोर्टिंग के बाद जिला प्रशासन को जवाब देना पड़ा और जल्द ही कार्रवाई हुई।

यह घटना हमें यह भी सिखाती है कि मीडिया अगर ईमानदारी और संवेदनशीलता से जनहित के मुद्दे उठाए, तो बदलाव संभव है। अब ज़रूरत है कि ऐसे मामलों को केवल सुलझाया न जाए, बल्कि सिस्टम को इस तरह सुधारा जाए कि किसी और को ऐसी तकलीफ न उठनी पड़े।

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