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Railways: 15 अगस्त से इस रफ्तार से दौड़ेगी वंदे भारत-राजधानी, मुंबई-दिल्ली के बीच कम हो सकता है यात्रा का समय

यात्रीगण कृपया ध्यान दे! आने वाले दिनों में आपकी यात्रा न केवल सुखद होगी, बल्कि सुगम भी होने जा रही है। भारतीय रेलवे 15 अगस्त से वंदे भारत के साथ ही राजधानी, अगस्त क्रांति राजधानी, तेजस और शताब्दी एक्सप्रेस जैसी ट्रेनों की रफ्तार बढ़ाने जा रहा है। ये ट्रेनें 130 किमी प्रति घंटे के बजाए, अब 160 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से दौड़ते हुए नजर आएंगी। इससे यात्रियों के 45 मिनट से लेकर 4 घंटे तक के समय की बचत हो सकती है। यानी अब दिल्ली से मुंबई का सफर न केवल आसान होगा, बल्कि समय की भी बचत होगी। इसमें अच्छी बात यह है कि ट्रेनों के किराए में किसी भी प्रकार की वृद्धि नहीं होगी। अभी 12953 निजामुद्दीन-मुंबई सेंट्रल अगस्त क्रांति राजधानी और 12951 मुंबई सेंट्रल-नई दिल्ली राजधानी को दिल्ली से मुंबई के बीच करीब 16 घंटे समय लगता है। लेकिन 15 अगस्त के बाद ये सफर 12 घंटे में पूरा हो सकता है। इससे यात्रियों के करीब 4 घंटे तक का समय बचने की संभवना है। रेलवे इसे लेकर जल्द ही नया टाइम टेबल भी जारी कर सकता है।

जानकारी के मुताबिक, रेलवे ने 15 अगस्त से यह फर्राटेदार रफ्तार लागू करने का निर्देश पश्चिमी जोन के रेलवे को दे दिया है। रेलवे बोर्ड ने पश्चिम रेलवे के दायरे में आने वाली मुंबई-नागदा और मुंबई-अहमदाबाद रूट पर 15 अगस्त से 160 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से ट्रेन चलाने की योजना तैयार की है। इसके लिए रेलवे बोर्ड ने जोनल रेलवे के अंतर्गत आने वाले सभी संबंधित मंडलों के डीआरएम से ब्लॉक सुनिश्चित करने, एसएंडटी/टीआरडी टीमों को जून-जुलाई तक काम पूरा करने का अनुरोध किया था। इसे पूरा कर लिया गया है।

पश्चिम रेलवे के अफसरों का कहना है कि ट्रेनों को 160 किमी चलाने के लिए कई कार्य किए है। मुंबई-अहमदाबाद रूट, मुंबई-वडोदरा रूट, वडोदरा से दाहोद और दाहोद से नागदा रूट को 160 किमी प्रति घंटे की रफ्तार के लिए अपग्रेड कर दिया गया है। इन रुटों पर नई तकनीक से लैस सिग्नलिंग, ओवरहेड इक्विपमेंट इंस्टॉल किए गए हैं। इन मार्गों से कई रेल अवरोध भी हटाए गए हैं। स्लीपर डेंसिटी बढ़ाई गई है। वहीं कवच तकनीकी भी इंस्टॉल की गई है। मिशन रफ्तार के तहत ट्रैक अपग्रेडेशन होने से सभी प्रीमियम ट्रेन 160 किमी की रफ्तार से दौड़गी। लेकिन किराए पर इसका असर बिल्कुल नहीं पड़ेगा। स्पीड बढ़ने से रनिंग टाइम में अंतर भी आएगा। इसके चलते कई रूटों पर नई ट्रेनें चलाई जा सकेगी।

क्या है मिशन रफ्तार?
भारतीय रेलवे मिशन रफ्तार के तहत एक्सप्रेस और सुपरफास्ट ट्रेनों की रफ्तार बढ़ाने का काम कर रहा है। साथ में ही मालगाड़ियों की रफ्तार भी बढ़ाई जाएगी। मिशन रफ्तार के तहत इन सभी ट्रेनों की औसत गति को और बढ़ाया जाएगा। ट्रेनों की स्पीड बढ़ाने के लिए एक पूरी प्रक्रिया का पालन करना होता है। इसमें ट्रैक्स, सिग्नल सिस्टम, ओवरहेड इक्विपमेंट, ट्रेन के डिब्बे और इंजन को अपग्रेड करना होता है। वहीं इसके तहत बाईपास फुटओवर ब्रिज का निर्माण भी करना होता है। इस मिशन के अंतर्गत रेलवे के सभी डीजल इंजन को मेमू यानी मेन लाइन इलेक्ट्रिक मल्टीप्ल यूनिट में तो तब्दील कर दिया जाएगा।

भारतीय रेलवे के मिशन रफ्तार के तहत लंबी दूरी को कम समय में ही तय करने का उद्देश्य रखा गया है। लंबे रूट की ट्रेनों के लिए मिशन रफ्तार के तहत ट्रेनों की गति कम से कम 160 किलोमीटर प्रति घंटा करने की योजना बनाई जा रही है। इसके तहत ट्रेनों में तो बदलाव किए जा रहे हैं, तो वहीं रेलवे के पूरे इंफ्रास्ट्रक्चर में भी जरूरी बदलाव किए जा रहे हैं। रेलवे की यात्रा में ट्रेन के लिए जो भी चीज बाधा बनती है उन्हें भी कम करने की प्लानिंग इसमें शामिल है।

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