यमन में भारतीय नर्स को फांसी की तैयारी, मां की आखिरी अपील—बेटी की जान बचा लीजिए

सना (यमन):केरल की रहने वाली भारतीय नर्स निमिषा प्रिया को यमन में अगले हफ्ते फांसी दी जा सकती है। 37 वर्षीय निमिषा को यमनी नागरिक तलाल अब्दो महदी की हत्या के मामले में दोषी ठहराया गया है। यमन की सर्वोच्च न्यायिक परिषद और राष्ट्रपति द्वारा सजा-ए-मौत की पुष्टि के बाद, अब 16 जुलाई को फांसी की तारीख तय की गई है। फिलहाल, वह सना की जेल में बंद है जो हूथी विद्रोहियों के नियंत्रण में है।

निमिषा 2008 में काम की तलाश में यमन गई थीं। कई अस्पतालों में नौकरी करने के बाद उन्होंने वहां एक क्लिनिक खोला। यमन के कानून के तहत स्थानीय नागरिक के सहयोग के बिना विदेशी नागरिक व्यवसाय नहीं चला सकते, इसीलिए वह तलाल महदी के संपर्क में आईं। लेकिन दोनों के बीच रिश्ते बिगड़ने लगे और महदी पर उत्पीड़न और पासपोर्ट जब्त करने का आरोप लगा।

परिवार का दावा है कि पासपोर्ट वापस पाने के प्रयास में निमिषा ने महदी को बेहोशी का इंजेक्शन दिया, जिससे उसकी ओवरडोज़ से मौत हो गई। इसके बाद निमिषा भागने की कोशिश में पकड़ी गई और 2018 में उसे हत्या का दोषी ठहराया गया। 2023 में यह फैसला सर्वोच्च अदालत द्वारा बरकरार रखा गया और राष्ट्रपति ने फांसी की अनुमति दे दी।

इस मामले में भारतीय विदेश मंत्रालय लगातार यमन सरकार और स्थानीय अधिकारियों से संपर्क में है। वहीं, निमिषा की मां—जो कोच्चि में घरेलू सहायिका हैं—ने अपनी बेटी की जान बचाने के लिए घर तक बेच दिया और अब उन्होंने भारत सरकार से आखिरी अपील की है।

“मैं भारत और केरल सरकार की अब तक की मदद के लिए आभारी हूं, लेकिन यह मेरी अंतिम गुहार है—कृपया मेरी बेटी की जान बचा लीजिए। समय बहुत कम बचा है,” उन्होंने भावुक स्वर में कहा।

अब देखना होगा कि भारत सरकार कूटनीतिक प्रयासों से निमिषा की फांसी को रोक पाने में सफल हो पाती है या नहीं। देशभर में इस फैसले को लेकर चिंता और सहानुभूति का माहौल बना हुआ है।

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