नई दिल्ली: दिल्ली में अगले साल 2025 में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं. भारतीय जनता पार्टी ने ग्रामीण इलाकों में लोगों को रिझाने के लिए कवायद तेज कर दी है. केंद्र सरकार ‘दिल्ली ग्रामोदय अभियान’ के तहत दिल्ली देहात के गांवों के विकास पर 960 करोड़ रुपए दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) के जरिये विकास कराने में जुटी हुई है. इससे जुड़े सभी प्रोजेक्ट्स की मॉनीटरिंग दिल्ली के उपराज्यपाल कर रहे हैं. अब भारतीय जनता पार्टी के 4 लोकसभा सांसदों ने दिल्ली के किसानों की चार सूत्रीय मांगों को पूरा कराने के लिए एलजी वीके सक्सेना को सौंपा है. बुधवार को रामवीर सिंह बिधूड़ी के नेतृत्व में सांसदों के प्रतिनिधिमंडल ने एलजी से मुलाकात की है.
LG को सौंपा 4 सूत्रीय मांग पत्र
रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा कि दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना से चार सांसदों ने भेंट की और उनको चार सूत्रीय मांगपत्र दिया है. तीन अन्य सांसदों में नॉर्थ ईस्ट दिल्ली से लोकसभा सांसद मनोज तिवारी, नॉर्थ वेस्ट दिल्ली से लोकसभा सांसद योगेंद्र चंदोलिया और वेस्ट दिल्ली से लोकसभा सांसद कमलजीत सहरावत प्रमुख रूप से शामिल रहीं. मांगपत्र में उन किसानों को वैकल्पिक प्लॉट देने का आग्रह किया गया जिनकी जमीन को अधिग्रहित कर लिया गया है.
किसानों की कई मांगों पर हुई बात
दक्षिणी दिल्ली से सांसद रामवीर सिंह बिधूड़ी ने बताया कि दिल्ली में किसानों की संख्या 16 हजार से ज्यादा है और इनके आवेदन दिल्ली सरकार के लैंड एंड बिल्डिंग विभाग ने रोके हुए हैं. इसके अलावा जिन किसानों की मृत्यु हो गई है, उनके उत्तराधिकारियों के नाम पर म्युटेशन नहीं किया जा रहा, उनका म्युटेशन किया जाए. बिजली का कनेक्शन लेने के लिए गांवों और अनधिकृत कॉलोनियों में रहने वालों से निजी बिजली कंपनियां डीडीए से अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) लाने की मांग कर रही है. एनओसी के नाम पर निजी बिजली कंपनियां किसानों ग्रामीणों को परेशान कर रही हैं. बिजली कनेक्शन के लिए एनओसी की यह शर्त हटाई जाए. मांगपत्र में कहा गया है कि जो आबादी पास की जाने वाली अनाधिकृत कॉलोनियों के नक्शे से रह गई है, उसको भी शामिल किया जाए.
बता दें कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा चुनाव 2024 से पहले मार्च माह में ‘दिल्ली ग्रामोदय अभियान’ के तहत 178 गांवों में 383 करोड़ रुपये के विकास कार्यों का उद्घाटन किया था. ‘दिल्ली ग्रामोदय अभियान’ का लक्ष्य दिल्ली के शहरीकृत गांवों और नए शहरी इलाकों में सभी आवश्यक संसाधनों का सृजन और विकास करना है. इसको लेकर दिल्ली विकास प्राधिकरण को 960 करोड़ रुपए की धनराशि उपलब्ध कराई गई है.