एसआईआर प्रक्रिया में 39 दिनों में 4.43 लाख से अधिक मतदाताओं के नाम कटने का अनुमान

भोपाल में जारी स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन प्रक्रिया के तहत मतदाता सूची से नाम हटाने का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है। 39 दिनों की इस प्रक्रिया में अब तक 4 लाख 43 हजार 633 मतदाताओं के नाम कटना तय माना जा रहा है। ये नाम मृत, स्थानांतरित, अनुपस्थित, डबल एंट्री और अन्य श्रेणियों में पाए गए हैं।
नो-मैपिंग के बाद मतदाता सूची में और तेजी से नाम हटाए गए हैं। पहले यह संख्या 4 लाख 8 हजार 106 थी, जो बढ़कर 4 लाख 43 हजार 634 तक पहुंच गई। यानी केवल पांच दिनों में 35 हजार 528 नए नाम हटाने की सूची में शामिल हो गए। वहीं नो-मैपिंग श्रेणी में आने वाले मतदाताओं की संख्या घटकर 1 लाख 35 हजार 765 रह गई है।
मतदाता सूची में नाम काटे जाने के बढ़ते आंकड़ों को लेकर भारत निर्वाचन आयोग के आब्जर्वर और संयुक्त सचिव ने राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ चर्चा की। सभी दलों से कहा गया कि वे बीएलओ स्तर पर नामों का सत्यापन कराएं, ताकि किसी भी योग्य मतदाता का नाम गलत तरीके से न हटे।
आब्जर्वर ने शहर के कुछ मतदान केंद्रों पर जाकर बीएलओ के कार्य की समीक्षा भी की। हालांकि अन्य विधानसभा क्षेत्रों का निरीक्षण प्रस्तावित था, लेकिन कार्यक्रम परिवर्तन के कारण वह छत्तीसगढ़ रवाना हो गए।
चुनाव आयोग के संशोधित कार्यक्रम के अनुसार अब मतदाता अपने गणना पत्रक 18 दिसंबर तक जमा कर सकेंगे। अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि नाम हटाने की पूरी प्रक्रिया पारदर्शिता और सही सत्यापन के साथ पूरी की जाए, ताकि मतदाताओं को किसी तरह की अनावश्यक परेशानी न हो।





