नितिन गडकरी का बड़ा बयान: जाति, धर्म से नहीं, इंसान अपने गुणों से बड़ा होता है

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने नागपुर में एक कार्यक्रम के दौरान जाति और धर्म के आधार पर भेदभाव न करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि इंसान अपनी जाति, भाषा या पंथ से बड़ा नहीं होता, बल्कि वह अपने गुणों और कर्मों से बड़ा बनता है।
“जो करेगा जाति की बात, उसको मारूंगा लात”
नितिन गडकरी ने साफ शब्दों में कहा कि राजनीति में लोग कई तरह की बातें करते हैं, लेकिन वो अपनी राह पर चलते हैं। उन्होंने कहा, “जो करेगा जाति की बात, उसको कसकर मारूंगा लात।” उन्होंने बताया कि कई जाति के लोग उनसे मिलने आते हैं, लेकिन वो किसी के दबाव में आकर काम नहीं करते।
चुनाव हारने से कोई मरता नहीं
गडकरी ने कहा कि उनके दोस्तों ने उन्हें यह बयान देने के बाद गलत ठहराया, लेकिन उन्होंने अपने विचारों पर अडिग रहने की बात कही। उन्होंने कहा, “अगर चुनाव जीतता नहीं तो आदमी मरता थोड़ी है। मंत्री नहीं हुआ तो क्या हुआ, लेकिन मैं अपने उसूलों पर कायम रहूंगा।”
डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम का उदाहरण दिया
गडकरी ने डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम का उदाहरण देते हुए कहा कि वे अपनी काबिलियत और कर्मों की वजह से दुनिया में पहचाने जाते हैं। उन्होंने कहा कि हमें जाति, धर्म और पंथ के आधार पर भेदभाव नहीं करना चाहिए, बल्कि अपने गुणों से आगे बढ़ना चाहिए।
मुस्लिम समुदाय के लिए संदेश
नितिन गडकरी ने मुस्लिम समुदाय को लेकर भी एक महत्वपूर्ण बात कही। उन्होंने कहा, “हम मस्जिद में एक बार नहीं, 100 बार नमाज पढ़ें, लेकिन अगर साइंस और टेक्नोलॉजी को नहीं अपनाएंगे तो भविष्य क्या होगा?”
उन्होंने यह भी कहा कि मुस्लिम समाज ज्यादातर चाय की टपरी, पान की दुकान, कबाड़ी का काम, ट्रक ड्राइविंग और क्लीनर जैसे कामों में शामिल है। गडकरी ने सुझाव दिया कि मुस्लिम समुदाय को इन सीमित क्षेत्रों से आगे बढ़कर शिक्षा और तकनीकी ज्ञान की ओर बढ़ना चाहिए।
पहले भी दे चुके हैं ऐसा बयान
नितिन गडकरी ने यह बात पहली बार नहीं कही है। इससे पहले भी उन्होंने जाति और धर्म के आधार पर भेदभाव का विरोध किया है। उनका मानना है कि इंसान की पहचान उसकी काबिलियत और आचरण से होनी चाहिए, न कि उसकी जाति या धर्म से।
गडकरी का यह बयान अब चर्चा का विषय बन गया है और लोग उन की बातों पर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं।





