Nifty ने तोड़ा 35 साल का रिकॉर्ड: भारतीय शेयर बाजार में ऐतिहासिक गिरावट, निवेशकों को बड़ा झटका

Nifty:भारतीय शेयर बाजार में भारी गिरावट का दौर जारी है। बीएसई सेंसेक्स के बाद अब निफ्टी ने भी 35 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। मंगलवार को निफ्टी लगातार दसवें दिन गिरकर बंद हुआ, जो 1996 के बाद की सबसे लंबी गिरावट है। इससे पहले जनवरी 1996 में 10 दिनों तक निफ्टी में लगातार गिरावट देखी गई थी, लेकिन तब यह इंडेक्स आधिकारिक रूप से लॉन्च नहीं हुआ था। निफ्टी की आधिकारिक शुरुआत 22 अप्रैल 1996 को हुई थी।
पीक हाई से 16% गिरा निफ्टी
बीते साल सितंबर में निफ्टी ने 26,277 अंकों का उच्चतम स्तर छुआ था, लेकिन तब से अब तक इसमें 15.4% की गिरावट आ चुकी है। मंगलवार को निफ्टी 22,082.65 अंकों पर बंद हुआ। वहीं, बीएसई सेंसेक्स में भी 16.2% की गिरावट आ चुकी है। 2020 में कोविड महामारी के दौरान आई गिरावट के बाद यह अब तक की सबसे बड़ी गिरावट मानी जा रही है।
गिरावट की वजहें
शेयर बाजार में इस ऐतिहासिक गिरावट की मुख्य वजह विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) की लगातार बिकवाली मानी जा रही है। 2025 में अब तक FPI भारतीय शेयर बाजार से 1.24 लाख करोड़ रुपये निकाल चुके हैं, जबकि बीते 5 महीनों में कुल 3.52 लाख करोड़ रुपये की निकासी हुई है।
इसके अलावा, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीति को लेकर अनिश्चितता, भारतीय शेयर बाजार का अधिक मूल्यांकित (Overvalued) होना, और चीन के बाजार की तुलना में कम आकर्षक रिटर्न की संभावना भी इस गिरावट के कारणों में शामिल हैं। चीन का बाजार फिलहाल अंडरवैल्यूड माना जा रहा है, जिससे FPI वहां अधिक निवेश कर रहे हैं।
निवेशकों के लिए आगे क्या?
विशेषज्ञों का मानना है कि बाजार में अस्थिरता जारी रह सकती है। हालांकि, लंबी अवधि के निवेशकों के लिए यह गिरावट खरीदारी का अवसर भी हो सकती है। निवेशकों को सतर्क रहकर निर्णय लेने की सलाह दी जा रही है।




