नक्सलियों ने फिर की शांति वार्ता की मांग, कहा- हथियार छोड़कर मुख्यधारा में लौटने को हैं तैयार

बीजापुर। छत्तीसगढ़ में इन दिनों सबसे बड़े माओवादी विरोधी ऑपरेशन की खूब चर्चा हो रही है। लंबे समय से माओवाद प्रभावित इलाकों में सक्रिय सुरक्षा बलों ने करेगुट्टा की पहाड़ियों में चलाए गए इस ऑपरेशन के जरिए एक के बाद एक बड़ी सफलताएं हासिल की हैं इस ऑपरेशन को माओवादियों के गढ़ माने जाने वाले करेगुट्टा क्षेत्र में चलाया जा रहा है। जिसमें सुरक्षाबलों को अब तक कई बड़े सफलता भी मिली है। तो वहीं दूसरी ओर सुरक्षाबलों के इस ऑपरेशन का डर लगातार नक्सलियों पर मंडरा रहा है। ​नक्सली इस डर से लगातार एक के बाद एक सरकार को पत्र लिखकर शांति वार्ता का अनुरोध कर रहे हैं। इसी बीच एक बार फिर माओवादियों ने पीएम मोदी के नाम से एक पत्र जारी किया है।

इस बार खुद माओवादी संगठन के केंद्रीय प्रवक्ता अभय ने पत्र जारी कर केंद्र सरकार से अपनी स्थिति स्पष्ट करने की मांग की है। उन्होंने कहा है कि माओवादी संगठन हथियार छोड़कर मुख्यधारा में आने को तैयार है, लेकिन शांति वार्ता के लिए केंद्र की मोदी सरकार तैयार हैं या नहीं, वो अपनी स्थिति स्पष्ट करें।

अभय ने अपने बयान में कहा, “हमने पहले भी चार बार खत लिखकर शांतिवार्ता की बात रखी है, लेकिन अब तक केंद्र की तरफ से कोई साफ जवाब नहीं आया। इस बार हम केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से स्पष्ट प्रतिक्रिया की उम्मीद करते हैं। उनकी बात से ही पता चलेगा कि सरकार वास्तव में शांति चाहती है या नहीं।”

अभय ने ये भी स्वीकार किया कि छत्तीसगढ़-तेलंगाना सीमा पर कर्रेगुट्टा की पहाड़ी पर 26 नक्सली मारे गए हैं। उन्होंने इसे एकतरफा कार्रवाई बताया और कहा कि लगातार हो रही सुरक्षा घेराबंदी के कारण संगठन कोई बैठक तक नहीं कर पा रहा है।

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