Microsoft का कड़ा कदम – कमजोर प्रदर्शन करने वाले कर्मचारियों पर सख्ती

टेक्नोलॉजी दिग्गज Microsoft ने अपने कर्मचारियों के प्रदर्शन को बेहतर बनाने के उद्देश्य से एक बड़ा और सख्त फैसला लिया है। कंपनी ने ऐलान किया है कि जो कर्मचारी लगातार कमजोर प्रदर्शन कर रहे हैं, उन्हें अब कंपनी के भीतर इंटरनल ट्रांसफर का मौका नहीं मिलेगा। यह नियम परफॉर्मेंस इम्प्रूवमेंट प्लान (PIP) पर चल रहे कर्मचारियों पर भी लागू होंगे।

दोबारा नौकरी पाने का रास्ता बंद!
यदि कोई कर्मचारी अपनी परफॉर्मेंस में सुधार नहीं कर पाता और नौकरी छोड़ने का फैसला करता है, तो उसे अगले दो साल तक Microsoft में दोबारा नौकरी का मौका नहीं मिलेगा। कंपनी का यह फैसला परफॉर्मेंस के आधार पर टैलेंट को बनाए रखने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।

नई योजना और मैनेजमेंट टूल्स
Microsoft ने एक नई परफॉर्मेंस सुधार योजना लागू की है जिसमें मैनेजर्स को नए टूल्स दिए जाएंगे ताकि वे कर्मचारियों के काम का निष्पक्ष मूल्यांकन कर सकें।

हर कर्मचारी को एक निर्धारित समय और लक्ष्य के साथ सुधार की योजना दी जाएगी।
अगर इसके बाद भी प्रदर्शन में सुधार नहीं होता, तो स्वैच्छिक इस्तीफे (Global Voluntary Separation Agreement – GVSA) का विकल्प दिया जाएगा।

क्या है कंपनी का मकसद?
Microsoft का लक्ष्य एक ऐसा वर्क कल्चर बनाना है जहां केवल उच्च प्रदर्शन करने वाले कर्मचारियों को ही बनाए रखा जाए। यह नीति पूरी तरह परफॉर्मेंस-ड्रिवन है, और इससे कंपनी की उत्पादकता और कार्यक्षमता में बढ़ोतरी की उम्मीद की जा रही है।

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