छत्तीसगढ़ में मीटर रीडिंग कर्मचारियों का विरोध प्रदर्शन, रोजगार बचाने की मांग
बिलासपुर। छत्तीसगढ़ में स्पॉट बिलिंग एवं मीटर रीडिंग के ठेका कर्मचारियों ने बुधवार को राज्यभर में अनिश्चितकालीन हड़ताल की शुरुआत कर दी है। राज्य के विभिन्न जिलों में कार्यरत ठेका कर्मचारी, जिनकी संख्या हजारों में है, इस हड़ताल के माध्यम से अपना विरोध दर्ज करवा रहे हैं। बिलासपुर में भी लगभग 200 ठेका कर्मचारी अपनी नौकरियों के सुरक्षित भविष्य की मांग को लेकर इस हड़ताल में शामिल हुए हैं। बिलासपुर के हड़तालरत ठेका कर्मचारियों का कहना है कि वे पिछले 20 वर्षों से मीटर रीडिंग का काम कर रहे हैं, जिससे उनके परिवारों का पालन-पोषण होता है। परंतु राज्य सरकार द्वारा हाल ही में स्मार्ट मीटर योजना लागू की जा रही है, जिसके तहत सभी घरों में स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं। इसके साथ ही बिजली सखी योजना के माध्यम से स्व-सहायता समूह की महिलाओं को बिजली रीडिंग के काम में जोड़ा जा रहा है। इस वजह से ठेका कर्मचारियों को डर है कि उनके रोजगार पर संकट आ जाएगा और वे बेरोजगार हो जाएंगे। ठेका कर्मचारियों ने मीडिया से बातचीत में बताया कि वे 1 से 5 नवंबर तक सांकेतिक हड़ताल पर थे, ताकि उनकी समस्याओं पर प्रबंधन का ध्यान आकर्षित हो। परंतु प्रबंधन की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। इस कारण वे अब अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने के लिए मजबूर हो गए हैं। हड़ताल के कारण पूरे प्रदेश में मीटर रीडिंग का काम ठप पड़ा हुआ है, जिससे प्रबंधन को बड़े पैमाने पर वित्तीय नुकसान होने की संभावना है। हड़ताल कर रहे ठेका कर्मचारियों का कहना है कि उनके रोजगार को सुरक्षित किया जाए। उन्होंने मांग की है कि, जैसे मध्यप्रदेश में ठेका कर्मचारियों को संविदा विद्युत सहायकों के रूप में नियुक्त किया गया है उसी तरह छत्तीसगढ़ में भी मीटर रीडर्स को संविदा विद्युत सहायक के रूप में नियुक्त किया जाए। उनका कहना है कि अगर उनकी मांगों को नहीं माना गया तो वे और भी उग्र आंदोलन करने के लिए तैयार हैं।