तमिल टीवी जगत को लेकर कुट्टी पद्मिनी ने किए चौंकाने वाले दावे, बोलीं- निर्देशक करते हैं ये मांग…
मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में इन दिनों संकट के पहाड़ टूट पड़े हैं। यौन उत्पीड़न के आरोपों ने पूरी इंडस्ट्री को हिलाकर रख दिया है। तमिल अभिनेत्रियों ने उत्पीड़न की अपनी भयावह दास्तां बयां की है। कई अभिनेत्रियों के बाद अब अभिनेत्री और टेलीविजन धारावाहिक निर्माता कुट्टी पद्मिनी ने तमिल टीवी जगत में बड़े पैमाने पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है। हाल ही में उन्होंने दावा किया है कि निर्देशक यौन संबंधों के लिए कहते हैं।
महिला कलाकारों से निर्देशक कर रहे ये मांग
कुट्टी पद्मिनी ने एक बातचीत में कहा, ‘यह भी किसी अन्य पेशे डॉक्टर, वकील, आईटी व्यक्ति की तरह ही है। इसे देह व्यापार क्यों कहा जाना चाहिए? यह बहुत गलत है।’ उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा, ‘निर्देशक और तकनीशियन टीवी धारावाहिकों में महिला कलाकारों से यौन संबंध बनाने की मांग करते हैं। कई महिलाएं शिकायत नहीं करतीं, क्योंकि यौन उत्पीड़न साबित नहीं हो पाता है। कुछ महिलाएं इसे बर्दाश्त कर लेती हैं, क्योंकि वे अच्छा कमाती हैं।’
कई महिलाएं कर चुकी हैं आत्महत्या
उन्होंने आगे कहा, ‘कई महिलाओं ने इस वजह से आत्महत्या कर ली है।’ कुट्टी ने गायिका चिमई और अभिनेत्री श्री रेड्डी पर बैन लगाने पर भी सवाल उठाया, जिन्होंने पहले इंडस्ट्री में यौन उत्पीड़न के खिलाफ अपनी आवाज उठाई थी। कुट्टी पद्मिनी ने आगे दावा किया कि एक बाल कलाकार के रूप में भी उनका यौन उत्पीड़न किया गया था। उन्होंने कहा, ‘जब मेरी मां ने इस मुद्दे को उठाया तो मुझे एक हिंदी फिल्म से निकाल दिया गया।’
हेमा कमेटी की रिपोर्ट से शुरू हुआ मामला
पिछले कुछ दिनों में मलयालम फिल्म इंडस्ट्री की कई अभिनेत्रियों ने यौन उत्पीड़न के अपने भयावह मामलों को साझा किया है। इसमें सीपीआई (एम) विधायक और अभिनेता मुकेश, अभिनेता जयसूर्या और एडावेला बाबू के खिलाफ भी यौन और मौखिक हमले के लिए शिकायत दर्ज की गई है। यह सब तब शुरू हुआ जब जस्टिस हेमा कमेटी की रिपोर्ट इस महीने की शुरुआत में सार्वजनिक की गई। इसी के मद्देनजर, मोहनलाल ने हाल ही में मलयालम फिल्म आर्टिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष पद से भी इस्तीफा दे दिया।