जानिए 15 करोड़ की ठगी का राज, और कैसे हुआ पर्दाफाश… ?

नई दिल्ली। आज कल प्रदेश में ठगी के मामले कितने ज्यादा बढ़ गए हैं.. हर दिन ठगी का एक नया मामला सामने आ जाता है… जिसमें कभी ऑनलाईन… कभी ऑफलाइन ठगी शामिल होती है.. तो कई बार किसी तरह की नौकरी या पैसे डबल करने का भी लालच दिया जाता है… ऐसे में एक शिक्षक भी इस झांसे का शिकार हो गए.. और उनके साथ हो गई लाखों की ठगी… खैर शिक्षक कौन थे और उनके साथ क्या हुआ.. इसके बारे में आगे बात करेंगे… लेकिन पहले बात कर लेते हैं.. 15 करोड़ की ठगी के बारे में…
महज़ 99 दिनों में15 करोड़ की ठगी
दरअसल बिलासपुर साइबर थाना पुलिस ने ऑनलाइन ठगी के एक बड़े मामले का पर्दाफाश करते हुए तीन शातिर आरोपियों को गिरफ्तार किया है… इन शातिर आरोपियों ने फर्जी सिम कार्ड और बैंक खातों का इस्तेमाल करते हुए… ऑनलाइन गेमिंग, ट्रेडिंग, वर्क-फ्रॉम-होम, बीमा पॉलिसी और डिजिटल अरेस्ट जैसे फर्जी स्कीम्स के जरिए कई लोगों को ठगा…. और सालभर में 100 से अधिक फर्जी बैंक खाते और सिम कार्ड खरीदे.. जिसके जरिए.. वो लोगों से संपर्क करते थे… और इस तरह से उन्होने महज़ 99 दिनों में15 करोड़ की ठगी को अंजाम दिया..
व्हाट्सएप के जरिए किया संपर्क
अब बात करेंगे कि इस ठगी का खुलासा कैसे हुआ और शिक्षक कौन थे… और उनकी क्या भुमिका रही इस केस में.. तो बता दें कि शिक्षक का नाम सौरभ साहू है….जो न्यायधानी बिलासपुर के मोपका क्षेत्र के निवासी हैं…. जो बीते दिनों साइबर ठगी का शिकार हुए थे… दरअसल ये ठग व्हाट्सएप के जरिए, शिक्षक सौरभ साहू के संपर्क में आए थे… और उन्होंने “हेल्सबर्ग” नामक एक फर्जी वेबसाइट में निवेश करने का लालच देते हुए.. अधिक मुनाफे की बात कहकर.. उनसे अलग-अलग किश्तों में करीब 49 लाख रुपये ट्रांसफर करवा लिए.. जिसके बाद ठगी की जानकारी होते ही सौरभ ने इसकी शिकायत पुलिस में की…
भिवंडी के रहने वाले हैं आरोपी
वहीं ठगी की शिकायत मिलते ही साइबर पुलिस, घटना की जांच में जुट गई…. शिकायत के बाद पुलिस ने साइबर रिपोर्टिंग पोर्टल और बैंक ट्रांजेक्शन की जांच की…. और बैंक ट्रांजेक्शन के आधार पर आरोपियों का लोकेशन ट्रेस किया गया.. जिसके बाद एक टीम को महाराष्ट्र के भिवंडी भेजा गया… जहां तीन दिनों की सघन छानबीन के बाद पुलिस ने आरोपियों को धर-दबोचा… जिनकी पहचान शाकिब अंसारी , अंसारी मेराज मोहम्मद अकरम और अंसारी फुजैल अहमद के रूप में हुई है… जो महाराष्ट्र के भिवंडी के रहने वाले हैं…
इस तरह करते थे ठगी
इसके बाद बिलासपुर पुलिस इन आरोपियों को बिलासपुर लेकर आई…जहां इनसे पुछताछ की गई… पुछताछ में सामने आया कि ये आरोपी फर्जी सिम कार्ड और बैंक खातों का इस्तेमाल कर ऑनलाइन गेमिंग, ट्रेडिंग, वर्क-फ्रॉम-होम, बीमा पॉलिसी और डिजिटल अरेस्ट जैसी स्कीम के जरिए लोगों को धोखा देते थे… इसके अलावा जांच में यह भी सामने आया कि इन आरोपियों ने सिर्फ 99 दिनों में 15 करोड़ रुपये की रकम क्रिप्टोकरेंसी में ट्रांसफर की थी… इतना ही नहीं, बीते एक साल में इन्होंने 100 से अधिक फर्जी बैंक खाते और सिम कार्ड खरीदे थे, जिससे लगातार ठगी को अंजाम दिया जा रहा था…वहीं पुलिस ने आरोपियों के पास से 11 मोबाइल, 12 सिम कार्ड, जमीन खरीद से जुड़े दस्तावेज, सोने-चांदी के बिल, पासबुक और एटीएम कार्ड बरामद किए हैं.. फिलहाल पुलिस इनसे अन्य ठगी के मामलों और इनके नेटवर्क से जुड़े अन्य अपराधियों की जानकारी निकालने में जुटी हुई है… ताकि इस पूरे गिरोह का पर्दाफाश किया जा सके… और इस तरह के साइबर अपराधों पर लगाम लगाई जा सके..