विले पार्ले में जैन मंदिर तोड़े जाने पर जैन समाज का विरोध, बीएमसी ने दी पूजा की इजाजत

मुंबई। विले पार्ले में 30 साल पुराने दिगंबर जैन मंदिर को तोड़े जाने के बाद जैन समाज ने सड़कों पर उतरकर जोरदार विरोध किया। इस प्रदर्शन के बाद बीएमसी ने मंदिर परिसर में पूजा-अर्चना की अनुमति दे दी है। हालांकि मंदिर की दीवारें और दरवाजे पूरी तरह क्षतिग्रस्त हैं, लेकिन जैन समाज ने वहां पूजा-पाठ शुरू कर दी है और अब वे मंदिर के पूर्ण पुनर्निर्माण की मांग कर रहे हैं।

क्या है मामला?

17 अप्रैल की सुबह विले पार्ले में बने पुराने जैन मंदिर को बीएमसी ने तोड़ दिया था। बीएमसी का कहना है कि मंदिर का कुछ हिस्सा सरकारी जमीन पर बना था, जो किसी अन्य प्रोजेक्ट के लिए आरक्षित है। नोटिस देने के बाद कार्रवाई की गई।

इस कार्रवाई से नाराज होकर 19 अप्रैल को जैन समाज के लोगों ने सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन किया। विरोध के बाद उसी रात बीएमसी ने मंदिर का मलबा हटाया और पूजा की अनुमति दे दी। मंदिर की दीवारें और दरवाजे अब भी टूटे हुए हैं, लेकिन पूजा-पाठ शुरू हो चुका है।

पुजारियों और भक्तों का कहना है कि यह उनकी “पहली जीत” है, लेकिन जब तक मंदिर पूरी तरह से दोबारा नहीं बनता, वे चैन की सांस नहीं लेंगे। सुबह से ही महिलाएं मंदिर में आकर भगवान महावीर के सामने नतमस्तक हो रही हैं।

राजनीतिक समर्थन और आरोप

इस मामले में जैन समाज को देशभर से समर्थन मिला है। कई बीजेपी विधायक भी सड़कों पर उतरकर जैन समाज के साथ खड़े दिखे। स्थानीय लोगों का आरोप है कि एक रेस्टोरेंट मालिक के कहने पर मंदिर को गिरवाया गया।

जैन समाज ने साफ कहा है कि वे तब तक शांत नहीं बैठेंगे जब तक मंदिर का पुनर्निर्माण नहीं हो जाता। बीएमसी अधिकारियों को भी ज्ञापन सौंपा गया है और समाज की नाराजगी साफ तौर पर जताई गई है।

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