अंतिम सुनवाई में लगा डेढ दशक का समय, इंश्योरेंस कंपनी को मिली राहत..
जबलपुर | मुआवजा राशि के दायित्व को चुनौती देते हुए यूनाइटेड इंश्योरेंस कंपनी ने हाईकोर्ट में अपील दायर की थी। इंश्योरेंस कंपनी की अपील की सुनवाई के दौरान साल 2009 में अंतिम सुनवाई के निर्देश जारी किये गये थे। डेढ़ दशक बाद आये फैसले में इंश्योरेंस कंपनी का हाईकोर्ट से राहत मिली है।
यूनाइटेड इंश्योरेंस कंपनी की तरफ से दायर की गयी अपील में कहा गया था कि प्रथम अतिरिक्त मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण मंडला ने सड़क दुर्घटना के मामले में 89 हजार रुपये का अवार्ड पारित किया था। अवार्ड की राशि बीमा कंपनी, मोटर मालिक तथा चालक को अदा करनी थी। अधिकरण द्वारा बीमा कंपनी के प्रशासनिक अधिकारी के कथन को दरकिनार किये जाने के कारण उक्त अपील दायर की गयी है।
बीमा कंपनी की तरफ कहा गया था, दुर्घटना के समय वाहन का बीमा नहीं था। बीमा की राशि के लिए जो चेक दिया गया गया था, वह बाउंस हो गया था। इस संबंध में बीमा कंपनी ने मोटर मालिक का अवगत करवा दिया था। वैध पॉलिसी नहीं होने के कारण बीमा कंपनी पर मुआवजा का दायित्व नहीं बनता है। अधिकरण ने तीसरे पक्ष होने के कारण बीमा कंपनी पर भी दायित्व निर्धारित किया है।
एकलपीठ ने सुनवाई के बाद अपने अहम आदेष में कहा है कि तीसरे पक्ष के लिए जो अनुबंध दायित्व उत्पन्न नहीं होता है,उसे लागू नहीं किया जा सकता है। एकलपीठ ने बीमा कंपनी को मुआवजा दायित्व से मुक्त करते हुए मोटर मालिक तथा चालक से राशि वसूलने के निर्देश जारी किये है।