इंदौर हाईकोर्ट ने रजिस्ट्रार की जांच रोकने की याचिका खारिज की

चोइथराम चैरिटेबल ट्रस्ट से जुड़े विवाद में इंदौर हाईकोर्ट ने रजिस्ट्रार, लोक न्यास द्वारा की जा रही जांच को रोकने की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया। इसके बाद रजिस्ट्रार अब धारा 26–27 के तहत अपनी जांच बिना किसी रुकावट के जारी रख सकेंगे।

याचिकाकर्ता ट्रस्ट के चार ट्रस्टी — लेखराज पगारानी, किशोर पगारानी, रमेश थानवानी और दयाल दतवानी — ने यह तर्क दिया था कि कार्यकारी ट्रस्टी सतीश मोतियानी जांच की मांग करने के पात्र नहीं हैं और विदेशी ट्रस्ट सीआईएफ के कारण रजिस्ट्रार का अधिकार क्षेत्र नहीं बनता। अदालत ने इन दलीलों को मानने से इनकार किया।

न्यायमूर्ति प्रणय वर्मा की पीठ ने स्पष्ट किया कि धारा 26 के तहत आवेदन सुनवाई योग्य है और शिकायतकर्ता के पास इसे दायर करने का अधिकार है। कोर्ट ने कहा कि रजिस्ट्रार को जांच की शुरुआती स्थिति में आरोपों की सत्यता तय नहीं करनी होती, बल्कि यह देखना होता है कि मामला जांच योग्य है या नहीं।

अदालत ने यह भी कहा कि कुप्रबंधन, वित्तीय अनियमितता, धोखाधड़ी और ट्रेडमार्क के दुरुपयोग जैसे आरोप शुरुआती नजर में गंभीर प्रतीत होते हैं, इसलिए रजिस्ट्रार आगे की वैधानिक कार्रवाई कर सकते हैं।

इस फैसले के बाद ट्रस्ट से जुड़े विवाद और सीआईएफ की संपत्तियों से संबंधित जांच अब जारी रहेगी और संबंधित दस्तावेज आगे जिला न्यायालय व अन्य प्राधिकरणों को भेजे जा सकेंगे।

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