Independence Day 2024: स्वतंत्रता दिवस पर झंडा फहराने से पहले जान लें सही तरीका, भूलकर भी न करें ये काम
नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने इस साल स्वतंत्रता दिवस समारोह की थीम के रूप में ‘विकसित भारत’ की घोषणा की है. यह थीम भारत को बदलने की सरकार की प्रतिबद्धता का प्रतीक है और यह 2047 तक एक विकसित राष्ट्र के उसके दृष्टिकोण को दर्शाता है. हर साल की तरह, स्वतंत्रता दिवस समारोह में देश भर के स्कूलों, कॉलेजों, कार्यालयों और सार्वजनिक स्थानों पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाएगा.
गौरतलब है कि ध्वज के डिजाइन और रंगों का गहरा ऐतिहासिक और सांस्कृतिक अर्थ है और यह भारत के राष्ट्रीय प्रतीक के रूप में बहुत महत्व रखता है. यह देश की एकता, विविधता और आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व करता है. राष्ट्रीय ध्वज के जहां टॉप पर केसरिया रंग साहस, बलिदान, त्याग की भावना और देश की भलाई के प्रति लोगों के समर्पण और प्रतिबद्धता का प्रतिनिधित्व करता है.
बीच में सफेद रंग की पट्टी सत्य, शांति, पवित्रता का प्रतीक है और भारत के विविध समुदायों के बीच सद्भाव और एकता की आशा को दर्शाती है. सफेद पट्टी के केंद्र में एक गहरे नीले रंग का अशोक चक्र है जो लॉयन कैपिटल ऑफ अशोक से प्रेरित है, जबकि नीचे की हरी रंग की पट्टी विकास, उर्वरता, समृद्धि का प्रतीक है और भारत के जीवंत कृषि परिदृश्य के साथ-साथ सतत विकास में देश के विश्वास का प्रतिनिधित्व करती है.
राष्ट्रीय ध्वज फहराने के दिशा-निर्देश
भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) और भारतीय ध्वज संहिता ने राष्ट्रीय ध्वज फहराने के लिए कुछ दिशा-निर्देश निर्धारित किए हैं और इन दिशा-निर्देशों का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि ध्वज को अत्यंत सम्मान और गरिमा के साथ रखा जाए. इसमें ध्वज को हमेशा तेजी से फहराया जाना और धीरे-धीरे नीचे उतारे जाना शामिल. इसे कभी भी जमीन या पानी से टच नहीं होने देना चाहिए.
झंडा फहराते समय इन बातों का रखें ख्याल
1. नई संहिता की धारा 2 सभी नागरिकों को अपने परिसर में तिरंगा फहराने का अधिकार देती है.
2. कोई सार्वजनिक व्यक्ति, कोई निजी संगठन या शैक्षणिक संस्थान सभी दिनों और कास अवसरों पर राष्ट्रीय ध्वज फहरा सकता है, जो तिरंगे की गरिमा और सम्मान के अनुरूप हो.
3. राष्ट्रीय ध्वज के प्रति सम्मान की भावना को प्रेरित करने के लिए स्कूलों, कॉलेजों, स्पोर्ट्स कैंपस आदि जैसे शैक्षणिक संस्थानों में तिरंगा फहराया जा सकता है.
4. स्कूलों में तिरंगा फहराने में निष्ठा की शपथ शामिल की गई है.
5. राष्ट्रीय ध्वज फहराते समय, प्रतीक के महत्व को पहचानते हुए सम्मान और गरिमा की भावना का ख्याल रखें .
6. ध्वज को स्वतंत्रता दिवस, गणतंत्र दिवस और अन्य महत्वपूर्ण घटनाओं जैसे महत्वपूर्ण राष्ट्रीय और सांस्कृतिक अवसरों पर फहराया जाना चाहिए.
7. ध्वज फहराते समय केसरिया पट्टी सबसे ऊपर होनी चाहिए और हरी पट्टी नीचे होने चाहिए.
8. इस्तेमाल न होने पर झंडे को तिरंगे जैसा दिखने वाला त्रिकोणीय आकार में मोड़कर सम्मानजनक तरीके से रखें.
9. झंडा फहराने के लिए उचित प्रोटोकॉल का पालन करें. इसे तेजी से फहराया जाना चाहिए और धीरे-धीरे उतारा जाना चाहिए. इसे फहराते और उतारते समय सलामी भी दी जानी चाहिए.
10. झंडा फहराने वाले लोगों को साफ और सम्मानजनक पोशाक पहननी चाहिए.
11. झंडे का साइज और इसके लिए इस्तेमाल की जाने वाली सामग्री उचित गुणवत्ता और मानक की होनी चाहिए.
न करें ये काम
1. तिरंगे का इस्तेमाल सांप्रदायिक लाभ, पर्दे या कपड़ों के लिए नहीं किया जाना चाहिए. इसे सजावट के लिए भी इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए और न ही इसे मेजपोश, रूमाल या किसी डिस्पोजेबल वस्तु के रूप में इस्तेमाल किया जाना चाहिए.
2. तिरंगे को सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक मौसम की परवाह किए बिना, जहां तक संभव हो, फहराया जाना चाहिए.
3. झंडे का अनादर न करें, जैसे उस पर पैर रखना, उसे जानबूझकर जमीन या फर्श पर छूने देना या उसे इस तरह इस्तेमाल करना जिससे उसकी गरिमा कम हो, जैसे उसे पानी में बहने देना. इसे वाहनों, ट्रेनों, नावों या विमानों के हुड, ऊपर और किनारे या पीछे नहीं लपेटा जा सकता.
4. किसी भी दूसरे झंडे या ध्वज को तिरंगे से ऊपर नहीं रखा जा सकता.
5. फूल, माला या प्रतीक सहित कोई भी वस्तु तिरंगे के ऊपर नहीं रखी जा सकती.
6. क्षतिग्रस्त या फीका पड़ा हुआ झंडा न फहराएं क्योंकि इसे राष्ट्रीय प्रतीक का अपमान माना जाता है.
7. सरकार द्वारा निर्धारित अवसरों के अलावा अन्य अवसरों पर ध्वज को आधा झुका कर नहीं फहराया जाना चाहिए. यह राष्ट्रीय नेताओं और गणमान्य व्यक्तियों के प्रति सम्मान का प्रतीक है.
8. किसी भी नारे, शब्द या डिजाइन को जोड़कर ध्वज को खराब या विकृत न करें.
9. ध्वज का उपयोग निजी या व्यक्तिगत उद्देश्यों के लिए नहीं किया जाना चाहिए,.
10- झंडा रात में नहीं फहराना चाहिए.